भारत के बाजार में बदलाव और कृषि श्रम सुधारों से मिल रहा सभी को लाभ : प्रधानमंत्री

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत में लोगों की मानसिकता और बाजार में बदलाव का दौर जारी तथा कृषि और श्रम क्षेत्र में ऐसे सुधार किए गए हैं जिनसे सभी को लाभ है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों से उद्यमियों और श्रमजीवी कामगारों के लिए विन-विन (दोनों की जीत) की स्थिति बनी है। मोदी ने सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था से जुड़े इंस्पेक्टर राज और उद्यमियों अनावश्यक कानूनी कार्रवाई से सुरक्षित रखने के उपायों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने के लिए भी व्यापक उपाय किए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कनाडा में आयोजित एनुअल इन्वेस्ट इंडिया कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में लोकतंत्र, राजनीतिक स्थिरता, निवेश एवं व्यापार के अनुकूल महौल और योग्य कामगार सभी निवेश के लिए आवश्यक परिस्थितियां मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान कई तरह की समस्याएं सामने आई हैं लेकिन भारत ने उनका दृढ़ता से मुकाबला करते हुए नया समाधान खोजें हैं। कोरोना के बावजूद इस वर्ष के पहले छह माह में भारत में 20 बिलियन डॉलर का निवेश हुआ है। भारत में किए गए रिफॉर्म से उद्यमियों के साथ हमारे मेहनती लोगों को व्‍यापक स्तर पर फायदा होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से जुड़ा माहौल काफी उदार है। हमने सरल कर प्रक्रिया बनाई हैं और रोबोट बॉन्ड मार्केट के विकास से जुड़े हुए महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत में शिक्षा, श्रम और कृषि तीनों क्षेत्र में रिफॉर्म किए गए हैं। इससे सरकार के सुरक्षा दायरे में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और कनाडा के द्विपक्षीय संबंध साझा लोकतांत्रिक मूल्य और हितों पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि कनाडा दुनिया के सबसे बड़े और अनुभवी इंफ्रास्ट्रक्चर निवेशक हैं। इनमें से बहुत पहले ही भारत में हाईवे, एयरपोर्ट और लॉजिस्टिक में विभिन्न अवसरों को खोज चुके हैं।

उन्होंने कहा कि आज हमारे देश में विनिर्माण पूरी गति में है। महामारी से पहले भारत शायद ही पीपीई किट बनाता था, आज भारत में करोड़ों पीपीई किट न केवल बन रही हैं, बल्कि दूसरे देशों को निर्यात की जा रही हैं। भारत विश्‍व की फार्मेसी की भूमिका अदा कर रहा है। कोविड महामारी के दौरान हमने अब तक करीब 150 देशों को दवाइयां उपलब्‍ध करायी हैं। इस वर्ष मार्च से जून के बीच हमारे कृषि निर्यात में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई, यह तब हुआ जब पूरे देश में लॉकडाउन था।

कांफ्रेंस में उड्डयन, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और विनिर्माण कंपनियों, बैंकों, बीमा कंपनियों, निवेश निधियों, आदि के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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