अखिलेश यादव का भाजपा पर आरोप कहा स्थापना दिवस की आड़ में भाजपा कर रही है राजनीति

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि किसान और नौजवान अपने जीवन के सबसे बड़े संकट के दौर से गुजर रहे हैं। भाजपा द्वारा स्थापना दिवस की आड़ में राजनीति करना किसी भी तरह नैतिक नहीं है। जनता जब कोरोना संकट के समय अपनी दिक्कतों को भुलाकर एकजुट होकर सरकारी निर्देशों का पालन कर रही है। भाजपा अपनी राजनीति साधने में सभी लोकतांत्रिक मान्यताओं को जिलांजलि देने पर तुल गई है। देश के सामने समस्याओं का पहाड़ है परन्तु भाजपा नेतृत्व है कि उसे इस वक्त भी अगला चुनाव नज़र आ रहा है और भाजपा धन्यवाद पत्र के माध्यम से वोट के लिए केन्द्रित करने में लगी है, जबकि धन्यवाद पत्र सरकार को देना चाहिए। आर.एस.एस. और भारतीय जनता पार्टी किस अधिकार से धन्यवाद पत्र जारी कर सकती है?

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राहत पहुंचाने के नाम पर भी धोखा दे रही है। तमाम संगठन और नागरिक स्वेच्छा से जो भोजन या खाद्य सामग्री दे रहे है आर.एस.एस. और भाजपा कार्यकर्ता उसे अपनी ओर से राहत बता रहे हैं। ग्रामीण जनता तथा सड़कों से दूर रहने वाले गरीबों को फांकाकशी ही करनी पड़ रही है। राहत सामग्री के वितरण में भी भेदभाव और पक्षपात हो रहा है। गरीबों और भूखे लोगों के लिए भोजन सामग्री लेकर जा रहे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को जगह-जगह रोका जा रहा है। यह लोकतंत्र में स्वस्थ परम्परा नहीं है।

अखिलेश यादव का कहना है की लाॅकडाउन के चलते दूसरे प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में कामगार अपने गांवों में आ गए हैं। इन श्रमिकों के पास न तो कामधंधा है और नहीं खाने के लिए पैसे बचे हैं। तमाम परिवार एक जून की रोटी भी नहीं जुटा पा रहे हैं। तमाम नौजवानों की नौकरियां छूट गई हैं। उनके समाने अंधेरा भविष्य है। उन्होंने कहा की भाजपा सरकार के समय ही बेरोजगारी का रिकार्ड बना है और नोटबंदी-जीएसटी के बाद लाॅकडाउन ने तो उद्योगधंधो का भट्ठा ही बिठा दिया हैं। किसानों, कामगारों, गरीबों और नौजवानों के लिए सरकार राहत या मदद तत्काल पहुंचाने की व्यवस्था करे।

Related Articles

Back to top button