मिजोरम-असम सीमा विवाद के बारे में यहां पढ़ें सारी महत्त्वपूर्ण जानकारी

पहले वर्ष, 1972 में एक केंद्र शासित प्रदेश UT) के रूप में और फिर वर्ष, 1987 में एक राज्य के रूप में मिजोरम के अस्तित्व में आने के बाद से ही यह मिजोरम-असम सीमा विवाद चल रहा है.

आइजोल में एक अधिकारी ने यह बताया कि, मिजोरम के कोलासिब जिले के उपायुक्त एच. लालथलांगलियाना ने असम के कछार जिला प्रशासन को एक पत्र लिखकर असम सरकार के अधिकारियों और पुलिस द्वारा 10 जुलाई, 2021 को गतिरोध के दौरान आदिवासी लोगों पर मानवाधिकारों के उल्लंघन और अत्याचार का आरोप लगाया है.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) को भी इस पत्र की प्रतियां भेजी गई हैं.

मिजोरम-असम सीमा विवाद:

असम के कछार DA को लालथलांगलियाना का पत्र – प्रमुख बिंदु

• बिना किसी पूर्व सूचना के, 10 जुलाई, 2021 को असम से बुआर्चेप तक एक सड़क का निर्माण किया गया और पुलिस के सहयोग से असम के अधिकारियों ने मिजो जनजाति के लोगों की फसलों को नष्ट कर दिया. इसके अलावा, नुकसान का विरोध कर रहे आदिवासी लोगों को असम पुलिस कर्मियों ने जबरन बाहर कर दिया.
• 11 जुलाई, 2021 को लगभग 02.40 बजे मिजोरम पुलिस बलों ने सीमा पर सैहापुई वी गांव और असम सीमा पर बुआर्चेप में दो जोरदार धमाकों की आवाज सुनी. इस सिलसिले में मिजोरम के वैरेंगटे पुलिस स्टेशन में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत, एक आपराधिक मामला भी दर्ज किया गया था.

मिजोरम-असम सीमा विवाद की पृष्ठभूमि

• पहले वर्ष, 1972 में एक केंद्र शासित प्रदेश (UT) के रूप में और फिर वर्ष, 1987 में एक राज्य के रूप में मिजोरम के अस्तित्व में आने के बाद से ही यह मिजोरम-असम सीमा विवाद चल रहा है.

• ब्रिटिश काल के दौरान मिजोरम को असम का एक जिला लुशाई हिल्स कहा जाता था.
• मिजोरम-असम सीमा विवाद ब्रिटिश काल के दौरान पारित निम्नलिखित अधिसूचनाओं से संबंधित है:

(i) बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (BEFR) अधिनियम, 1873 से प्राप्त वर्ष, 1875 की अधिसूचना, के माध्यम से असम के कछार जिले से लुशाई हिल्स (अब मिजोरम) का सीमांकन किया गया था.

(ii) वर्ष, 1933 की अधिसूचना के माध्यम से लुशाई पहाड़ियों और मणिपुर का सीमांकन किया गया था.

.• मिजोरम का ऐसा मानना है कि, यह सीमांकन वर्ष, 1875 की अधिसूचना पर आधारित होना चाहिए. मिजो नेताओं के अनुसार, वर्ष, 1933 में मिजो समाज से सलाह नहीं ली गई थी. इसलिए वे वर्ष, 1933 की अधिसूचना के खिलाफ हैं.
• इसके विपरीत, असम सरकार वर्ष, 1933 की अधिसूचना का पालन करती है.
• 164.6 किलोमीटर लंबी अंतर्राज्यीय सीमा मिजोरम और असम को सीमांकित करती है. तीन मिजोरम जिले – आइजोल, ममित और कोलासिब असम के तीन जिलों – करीमगंज, हैलाकांडी, कछार के साथ अपनी सीमा साझा करते हैं.

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