नई दिल्ली : वर्चुअल माध्यम से आयोजित होगा अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव-2020

नई दिल्ली : केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान एवं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने मंगलवार को भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) के छठे संस्करण के विभिन्न आयोजनों की शुरुआत करते हुए आईआईएसएफ-2020 के कर्टेन रेजर का उद्घाटन किया। केन्द्रीय मंत्री ने इस अवसर पर इस विशाल आयोजन की ई-पुस्तिका भी जारी की। आईआईएसएफ विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और भारत सरकार के सीएसआईआर तथा विज्ञान भारती का संयुक्त रूप से आयोजित किए जाने वाला वार्षिक महोत्सव है।

डॉ. हर्ष वर्धन ने आईआईएसएफ-2020 की वेबसाइट का भी शुभारंभ किया। भाग लेने वालों की सभी गतिविधियां और पंजीकरण वेबसाइट से किया जाएगा। डॉ. हर्ष वर्धन ने सभी को संबोधित करते हुए घोषणा की कि इस वर्ष के महोत्सव का विषय आत्मनिर्भर भारत के लिए विज्ञान और वैश्विक कल्याण है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष आईआईएसएफ 22 दिसंबर को जाने-माने गणितज्ञ और वैज्ञानिक श्रीनिवास रामनुजम के जन्मदिवस पर शुरू होगा और पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस 25 दिसंबर को इसका समापन होगा। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद इस विशाल विज्ञान महोत्सव का समन्यवय कर रही है और इसका नोडल संगठन सीएसआईआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस टेक्नोलॉजी एंड डेवलेपमेंट स्टडीज (एनआईएसटीएसडीएस) नई दिल्ली है। यह महोत्सव वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया जा रहा है और इससे देश के दूर-दराज के क्षेत्रों के विज्ञान को प्रिय मानने वाले लोगों के साथ एक क्लिक से संपर्क किया जा सकेगा और इस प्रकार इस महोत्सव के डिजिटल फुटप्रिंट में बढ़ोतरी होगी।

डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि यह महोत्सव जीवन के सभी पहलुओं में से वैज्ञानिकों, खोजकर्ताओं और अनुसंधानकर्ताओं, विद्यार्थियों और नागरिकों को एक साझा मंच पर लाता है जहां एक-दूसरे से समझा और सीखा जा सकता है और यह कार्य आपसी विचारों के आदान-प्रदान से किया जाता है। इससे देश के सामजिक-आर्थिक विकास में विभिन्न तरीकों से परिवर्तन लाया जा सकता है। इसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार की गतिविधियों होंगी जिनमें सामान्य व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के समाधान प्रदान करना, चंद्रयान और मंगलयान जैसे मिशन से जुड़े आजिविका के विकल्प बढ़ाना शामिल हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि इस वर्ष के महोत्सव में आयोजनों की संख्या बढ़ाकर 28 से 41 की गई है। इसमें विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार की भूमिका के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने से संबंधित नई चुनौतियों को प्रस्तुत किया जाएगा। नए आयोजनों को बेहतर तरीके से सोच-समझकर तैयार किया गया है क्योंकि इनसे न केवल विज्ञान प्रौद्योगिकी नवाचार की उन्नति उजागर होगी अपितु इतिहास दर्शन, कला और शिक्षा के साथ संपर्कों का भी पता चलेगा। ऐसे आयोजन महोत्सव के मूल्य और महत्व में वृद्धि करेंगे क्योंकि ये भारतीय विज्ञान की समृद्ध परंपरा को उजागर करते हुए हमारे पुरातन ग्रंथों, वेदों, उपनिषदों में भारतीय विज्ञान की परंपराओं को भी स्पष्ट करेंगे। ऐसे आयोजन बेहतर विज्ञान पर काम करने की उत्सुकता विकसित करेंगे।

Related Articles

Back to top button