सड़कों के विस्तारीकरण और चौड़ीकरण को लेकर योगी ने कही ये बाते

योगी ने सड़कों के विस्तारीकरण और चौड़ीकरण का जिक्र करते हुए कहा कि पहले गोरखपुर से लखनऊ जाने का एक ही मार्ग था, अब लिंक एक्सप्रेस वे के जरिए एक और विकल्प मिल रहा है। उतनी ही दूरी को महज तीन घण्टे में पूरा किया जा सकता है। फोरलेन सड़कों के होने से आज गोरखपुर से नेपाल की यात्रा महज डेढ़ घण्टे में पूरी हो जाती है। पहले डेढ़ घण्टे गोरखपुर शहर में ही लग जाता था। आज गांव-गांव सड़क, बिजली और जलनिकासी की व्यवस्था है। अब किसी मंत्री व विधायक के घर तक ही सड़क नहीं बन रही बल्कि हर व्यक्ति को इसका लाभ मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि विकास से ही क्षेत्र की पहचान बनती है और हमारा यह दायित्व होना चाहिए कि हम विकास कार्यों में किसी प्रकार की बाधा न आने दें। उन्होंने जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से कहा कि वे विकास कार्यों की नियमित समीक्षा व भौतिक सत्यापन करते रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारों में गांव, गरीब व इलाज एजेंडे में नहीं था। लोगों को तीन घण्टे भी बिजली नहीं मिल पाती थी, मोबाइल की बैटरी तक चार्ज नहीं होती थी। आज गांव गांव बिजली की कमी नहीं है। 1977 से 2017 तक गोरखपुर बस्ती मंडल में हर साल इंसेफेलाइटिस से 1200 से 1500 बच्चों की असमय मौत हो जाती थी। मरने वाले 90 प्रतिशत बच्चे अल्पसंख्यक व दलित होते थे लेकिन इन्हें अपना वोट बैंक बनाने वाले मौन रहते थे। 2017 के बाद इंसेफेलाइटिस पर नकेल कस दिया गया है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए हमने पीएम मोदी से 2014 में एम्स मांगा था। 2016 में पीएम मोदी ने इसका शिलान्यास किया और उस वर्ष के अंत मे विश्व स्तरीय सुविधाओं वाले एम्स का लोकार्पण हो जाएगा। सीएम ने कहा कि एम्स बनने तक इलाज की बेहतरीन सुविधा के लिए प्रधानमंत्री ने मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक की सौगात दी जहां कोरोना काल में कोविड रोगियों की शानदार चिकित्सा सुविधा मिली। यहां हर बेड के साथ वेंटिलेटर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही गोरखपुर में आयुष विश्विद्यालय की स्थापना भी होने जा रही है।

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