योगी सरकार भी कर्मचारियों को देगी स्पेशल फेस्टिवल पैकेज, कैबिनेट बैठक में मंजूरी

लखनऊ। योगी कैबिनेट ने केन्द्र की तर्ज पर अपने कर्मचारियों के लिए स्पेशल फेस्टिवल पैकेज के रूप में 10,000 रुपये और अवकाश यात्रा सुविधा (एलटीसी) के बदले स्पेशल कैश पैकेज प्रदान करने के प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी प्रदान कर दी। इस तरह केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की तरह राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी इन योजनाओं का लाभ मिलेगा।

कैबिनेट के फैसले के मुताबिक यह सुविधा राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों को अनुमन्य होगी तथा 31 मार्च, 2021 तक लागू रहेगी। इस योजना के अन्तर्गत कार्यालयाध्यक्ष द्वारा किसी भी महत्वपूर्ण त्योहार के पूर्व सम्बन्धित सरकारी कर्मचारी को 10,000 रुपये का अग्रिम स्पेशल फेस्टिवल पैकेज के रूप में स्वीकृत किया जाएगा, जो ब्याज रहित रहेगा। योजना के लागू होने से राज्य सरकार पर लगभग 01 हजार करोड़ रुपये का व्यय भार आएगा।

अग्रिम के रूप में स्वीकृत धनराशि सम्बन्धित सरकारी कर्मचारी को स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के माध्यम से प्री लोडेड रूपे कार्ड के द्वारा दी जाएगी, जो कि 10 से अनधिक किस्तों में वसूलनीय होगी। कार्यालयाध्यक्षों द्वारा सरकारी कर्मचारी का प्रार्थना-पत्र प्राप्त होने पर आवेदक के लिए स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया से प्री लोडेड रूपे कार्ड प्राप्त कर आवेदक को प्रदान कराया जाएगा।

कार्यालयाध्यक्ष एवं आहरण वितरण अधिकारियों के लिए कार्ड प्राप्त करने की विस्तृत प्रक्रिया अलग से निर्गत की जाएगी। कार्यालयाध्यक्षों द्वारा उन सभी त्योहारों के लिए अग्रिम स्वीकृत किया जा सकेगा, जो उत्तर प्रदेश शासन द्वारा घोषित सार्वजनिक अवकाश की सूची में शामिल हैं।

एलटीसी सुविधा के बदले स्पेशल कैश पैकेज का प्रस्ताव स्वीकृत

इसके साथ ही कैबिनेट ने केन्द्र की तर्ज पर अपने कर्मचारियों के लिए एलटीसी सुविधा के बदले एक स्पेशल कैश पैकेज के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह सुविधा राज्य सरकार के उन कर्मचारियों को अनुमन्य होगी जो 31 मार्च, 2021 तक एलटीसी सम्बन्धी पूर्व में जारी शासनादेशों के अन्तर्गत इस सुविधा का लाभ पाने के पात्र हैं तथा जो इस सुविधा के बदले स्पेशल कैश पैकेज प्राप्त करने के इच्छुक हों।

इस सुविधा के अन्तर्गत सम्बन्धित कर्मचारी को गन्तव्य स्थान तक जाने एवं वापस आने के लिए 6,000 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से डीम्ड किराया स्वयं सहित कुल अधिकतम 04 एलटीसी सुविधा के लिए पात्र सदस्यों के लिए अनुमन्य होगा, यदि सम्बन्धित कर्मचारी द्वारा अनुमन्य होने वाली धनराशि की तीन गुना धनराशि डिजिटल मोड से जीएसटी में पंजीकृत वेन्डर्स, सेवा प्रदाताओं से ऐसी वस्तुओं के क्रय पर खर्च की जाती है, जिन पर जीएसटी की निर्धारित दर 12 प्रतिशत से कम न हो।

सम्बन्धित कर्मचारी को एलटीसी के बदले स्पेशल कैश पैकेज के रूप में अनुमन्य धनराशि की प्रतिपूर्ति उनके द्वारा वस्तुओं के क्रय का वाउचर, जिसमें की जीएसटी संख्या और भुगतानित जीएसटी धनराशि अंकित हो, प्रस्तुत किये जाने पर की जाएगी।

इस व्यवस्था का लाभ अनुमन्य किये जाने के लिए सम्बन्धित कर्मचारी को उसे अनुमन्य होने वाली एलटीसी के डीम्ड किराये की धनराशि का 50 प्रतिशत अग्रिम के रूप में कर्मचारी के बैंक खाते में भुगतान किया जा सकेगा, जिसका समायोजन वस्तुओं के क्रय का वाउचर प्रस्तुत करने पर उसको किये जाने वाले अंतिम भुगतान में से किया जाएगा।

इस प्रकार के दावों का समायोजन वर्तमान वित्तीय वर्ष के अन्तर्गत ही कराया जाना आवश्यक होगा तथा अग्रिम का प्रयोग न करने या कम प्रयोग करने की स्थिति में उपयोग न किये गये, कम उपयोग किये गये अग्रिम की वसूली दण्ड ब्याज के साथ की जाएगी।

एलटीसी के बदले अनुमन्य की जाने वाली स्पेशल कैश पैकेज की धनराशि पर आयकर के नियम उसी प्रकार लागू होंगे, जिस प्रकार एलटीसी के किराये के भुगतान पर लागू होते हैं। योजना के क्रियान्वयन से राज्य सरकार पर लगभग 960 करोड़ रुपये का व्यय भार आएगा।

कैबिनेट के इन दोनों निर्णयों को लागू किये जाने के फलस्वरूप यदि कोई असंगत अथवा व्यावहारिक कठिनाई उत्पन्न हो, तो उसका निराकरण एवं भुगतान की प्रक्रिया का निर्धारण मुख्यमंत्री के अनुमोदन से किये जाने का निर्णय भी मंत्रिपरिषद ने किया है।

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