पतझड़ में सावन का मौसम, आख़िर क्यों?

इस बार दिल्ली समेत कई राज्यों में पतझड़ के महीने में सावन जैसा मौसम है। बारिश.हो चुकी है, और अभी होगी भी। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने दिल्ली समेत कई राज्यों में बारिश को लेकर अलर्ट भी जारी किया है। सवाल कई हैं, मसलन- पतझड़ में यह बारिश जैसा मौसम क्यों बन रहा है? क्या यह मौसम के बदलाव का संकेत है? क्या यह घातक है? क्या इसे इंसान रोक सकते हैं?
हालाँकि इस बार बसंत ऋतु में ही गर्मी का आना कोई अच्छे संकेत नहीं हैं। ऐसे में इस तरह मौसम का अचानक ठंडा होना, बारिश होना लोगों को राहत भरा लग रहा है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ़ कई जगह ओले पड़ना नुकसानदायक साबित हो रहा है, ख़ासकर किसानों के लिए, फ़सलों के लिए। हालाँकि इस नुकसान को रोकना किसी इंसान के वश में नहीं है; लेकिन इसमें सुधार का प्रयास किया जा सकता है।

अधिक से अधिक पौधरोपण करके। जी हाँ, लगातार कम होते वन क्षेत्र और विस्तृत होते जाते कंकरीट के शहर मौसम में बदलाव का सबसे बड़ा कारण है। इसी प्रण लें कि आपसे जितना अधिक संभव हो सकेगा पौधे रोपेंगे। जब भी कोई फल खाएँगे, तो उसकी गुठली खाली भूमि में, सड़कों के किनारे वृक्ष क्षेत्र में, पार्क में या किसी अन्य वृक्ष क्षेत्र में डालेंगे या रोपेंगे। मौसम का बदलना ठीक नहीं है। यह हम.इंसानों के लिए ही नहीं, बल्कि दूसरे जीवों के लिए भी घातक है। फ़सलों के लिए भी नुकसानदायक है।

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