जब अमर सिंह ने अमिताभ बच्चन से मांगी थी माफी, कहा था वे उम्र में मुझसे बड़े हैं उनके प्रति मुझे नरमी रखनी चाहिए

समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह का दुबई में निधन हो गया है। बता दें कि उनका दुबई में इलाज चल रहा था जहां पर उनकी किडनी का ट्रांसप्लांट किया गया था। बता दें कि शनिवार दोपहर के समय अमर सिंह का निधन हुआ है। बताया जा रहा है कि काफी दिनों से अमर सिंह की तबीयत खराब चल रही थी जिसके बाद अब जाकर उनका निधन हो गया है। इससे पहले अमर सिंह के निधन की अफवाह फैली थी जिसके बाद उन्होंने एक वीडियो भी पोस्ट किया था। अमर सिंह ने उस वीडियो में कहा था कि टाइगर अभी जिंदा है।

वहीं आपको बता दें की कुछ समय पहले अमर सिंह ने बच्चन परिवार और अमिताभ बच्चन से माफी भी मांगी थी। उन्होंने उस समय कहा था कि कि जिंदगी के इस मोड़ पर जब मैं जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा हूं तब मुझे अपने बयान को लेकर पछतावा है। अमर सिंह ने ट्वीट कर कहा था कि, ‘आज मेरे पिता की पुण्यतिथि है और इसे लेकर मुझे अमिताभ बच्चन जी से संदेश मिला। जीवन के इस पड़ाव पर जब मैं जीवन और मृत्यु की लड़ाई लड़ रहा हूं मुझे अमित जी और उनके परिवार के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया के लिए खेद है। ईश्वर उन सभी को आशीर्वाद दे।’

इतना ही नहीं अमर सिंह ने एक वीडियो जारी करते हुए भी कहा था कि, ‘आज के दिन मेरे पिताजी का स्वर्गवास हुआ था। इस तारीख पर पिछले एक दशक से श्री अमिताभ बच्चन जी मेरे पिता जी की श्रद्धा में संदेश भेजते हैं। जब दो व्यक्तियों में बहुत अटूट स्नेह होता है और उसमें कम या अधिक अपेक्षा या उपेक्षाए होती हैं उन संबंधों में बहुत उबाल आता है। बड़ी उग्र प्रतिक्रिया आती है। संबंध जितना अधिक निकट होता है उसके टूट की चुभन भी उतनी तेज होती है।’

अमर सिंह ने कहा था कि पिछले 10 वर्षों से मैं बच्चन परिवार से न केवल अलग रहा बल्कि मैंने ये भी प्रयत्न किया कि उनके दिल में मेरे लिए नफरत हो। मगर आज फिर अमिताभ बच्चन जी ने मेरे पिताजी का सुमिरन किया। तो मुझे ऐसा लगा कि, इसी सिंगापुर में गुर्दे की बीमारी के लिए मैं और अमित जी दो महीने तक साथ रहे और उसके बाद हमारा और उनका साथ छूट सा गया। 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी उनकी निरंतरता में कोई बाधा नहीं आई। वे लगातार अनेक अवसरों पर अपने कर्तव्य का निर्वहन करते रहे। मुझे लगता है कि मैंने अनावश्यक रूप से ज्यादा उग्रता दिखाई। मैं जिंदगी और मौत की चुनौती से गुजर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि सार्वजनिक रूप से, वे उम्र में मुझसे बड़े हैं उनके प्रति नरमी रखनी चाहिए थी। जो कटु वचन मैंने बोले हैं उनके लिए खेद भी प्रकट कर देना चाहिए। मेरे मन में कटुता और नफरत से ज्यादा उनके व्यवहार के प्रति निराशा रही लेकिन उनके मन में न तो निराशा है और न ही कटुता।’

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