तेजस्वी ने जातीय जनगणना पर सदन में लाया कार्यस्थगन प्रस्ताव

पटना, बिहार विधानसभा के चौथे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में देश में जातीय जनगणना कराये जाने की मांग को लेकर प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया। उन्होंने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अपनी ओर से दिये गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के बारे में सदन को जानकारी दी। जिसपर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने उन्हें प्रश्नोत्तर काल के बाद इस मामाले पर विचार करने का आश्वासन दिया। जातीय जनगणना को देश का सबसे बड़ा मुद्दा बताते हुए तेजस्वी ने सदन में कहा कि एनडीए सरकार देश के 70 फ़ीसदी पिछड़े और अति पिछड़े हिंदुओं की जातीय जनगणना क्यों नहीं करना चाहती । इसका जवाब तलाशना होगा । केंद्र राज्य में इन वर्गों के कोटे से बने मंत्री नकारे साबित हो रहे हैं । तेजस्वी यादव की ओर से विधानसभा में दिये गये ध्यानाकर्षण के प्रस्ताव में बताया गया है कि विकासात्मक कार्यों को बेहतरी देने और समाज के जो वर्ग युवाओं से अपेक्षित प्रगति नहीं कर रहे हैं । उनकी जनसंख्या कितनी है, इसकी जानकारी के लिए भारत सरकार की तरफ से हर 10 साल पर जनगणना की जाती है । साल 2021 में भी जनगणना होनी है लेकिन भारत सरकार ने जनगणना में पिछड़े वर्ग और अति पिछड़े वर्ग की जातीय जनगणना नहीं कराए जाने की जानकारी संसद में दी है। ध्यानाकर्षण के प्रस्ताव में बताया गया है कि जातीय जनगणना आज की जरूरत है अगर यह नहीं कराई जाती तो पिछड़े और अति पिछड़े हिंदुओं की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का सही आकलन नहीं हो सकेगा। इस संबंध में देश के संपूर्ण राज्यों में संपूर्ण जातियों की जनगणना कराने के लिए बिहार विधान सभा की तरफ से एक उच्चस्तरीय दिल्ली एक कमेटी पीएम मोदी से मुलाकात करें और उनसे अनुरोध करें इसकी आवश्यकता है।

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