“कानून व्यवस्था की नाकामी या राजनीतिक चुप्पी? मायावती ने उठाए नए DGP पर गंभीर सवाल”

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने हाल ही में नियुक्त हुए पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण के सामने अपराध नियंत्रण और न्याय व्यवस्था स्थापित करने को एक बड़ी चुनौती बताया है।

मायावती ने उठाए कानून व्यवस्था पर सवाल

मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में सामंती और आपराधिक तत्वों का वर्चस्व बढ़ रहा है, जिससे जातिवादी और सांप्रदायिक द्वेष, हिंसा, अन्याय और लोगों को उजाड़ने जैसी घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति दर्शाती है कि राज्य में कानून का शासन सही तरीके से लागू नहीं हो रहा है।

नए DGP के लिए बड़ी जिम्मेदारी

BSP प्रमुख ने कहा कि ऐसे माहौल में नए DGP राजीव कृष्ण के सामने राज्य में अपराध नियंत्रण और कानून का शासन स्थापित करने की बड़ी चुनौती है। उन्होंने राज्य सरकार और सत्ताधारी दल से भी आग्रह किया कि वे कानून व्यवस्था को बहाल करने में सक्रिय भूमिका निभाएं।

राज्य की प्रगति पर भी जताई चिंता

मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश को देश की प्रगति की रीढ़ बनना चाहिए, लेकिन वर्तमान में यह राज्य अपराध और कानून व्यवस्था की खराब स्थिति के कारण नकारात्मक चर्चाओं में है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह स्थिति जनता और देश के हित में है।

राजीव कृष्ण का परिचय

राजीव कृष्ण 1991 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी हैं। उन्होंने हाल ही में उत्तर प्रदेश के नए DGP का पदभार संभाला है। इससे पहले वे सतर्कता महानिदेशक (DG Vigilance) और पुलिस भर्ती बोर्ड के प्रमुख के रूप में कार्यरत थे। उनका कार्यकाल 2029 में समाप्त होगा।

उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए, नए DGP राजीव कृष्ण के सामने बड़ी जिम्मेदारी है। BSP प्रमुख मायावती ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन से सक्रिय कदम उठाने की अपील की है।

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