योगी मंत्रिमंडल विस्तार : कुछ को मिलेगी कुर्सी तो कुछ का पत्ता होगा साफ!

उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ युवा चेहरों को इंट्री मिलने की संभावना है तो इसी के साथ विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र जातीय समीकरण भी साधे जाएंगे। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में काम ठीक से न करने वाले मंत्रियों की कुर्सी जा सकती है तो वहीं कुछ मंत्रियों को उनके अच्छे कामकाज का इनाम भी मिल सकता है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और महामंत्री संगठन सुनील बंसल मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से मिलने पहुंचे। माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व ने भी मंत्रिमंडल विस्तार के लिए सहमति दे दी है। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र संगठन में कुछ बदलाव के साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा हुई है। इसके अलावा कुछ दर्जा प्राप्त मंत्रियों और आयोगों में भी तैनाती पर विचार हो रहा है। ऐसे में बकरीद के बाद 24 अथवा 25 जुलाई को मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है।

फिलहाल मंत्रिमंडल में 53 मंत्री हैं और सात पद खाली हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल विस्तार में ब्राह्रण चेहरे के रूप में जितिन प्रसाद को शामिल किया जा सकता है। वह हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए हैं। लिहाजा, उन्हें विपक्ष के ब्राह्मण वोटों की दावेदारी के प्रयास की काट के लिए जगह दी जा सकती है।

दलित चेहरे के साथ ओबीसी पर जोर
जानकारों का मानना है कि ओबीसी वोट बैंक को साधे रखने के लिए पार्टी संजय निषाद के साथ ही बहुजन समाज पार्टी से खिन्न चल रहे एक राजभर नेता को साथ लेने पर विचार कर रही है। माना जा रहा है कि ओमप्रकाश राजभर की काट के लिए इस राजभर नेता के किसी परिजन को या तो एमएलसी बनाया जा सकता है या फिर मंत्रिमंडल में लेने का फैसला हो सकता है। इसी के साथ भाजपा के सह संगठन मंत्री भवानी सिंह के स्थान पर संगठन के पुराने कार्यकर्ता को समाहित किया जा सकता है। वहीं संगठन में काम कर रहे एक दलित नेता की भी मंत्री पद के लिए दावेदारी की चर्चा है।

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