संयुक्त राष्ट्र : चीनी के राष्ट्रपति ने शांति के राग अलापा, जाने पूरी खबर…..

न्यू यॉर्क : चीन के राष्ट्रपति शी जिनफ़िंग ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक ओर शांति का राग अलापा तो दूसरी ओर कहा कि उसे कोरोना संक्रमण के लिए ज़िम्मेदार ठहराना तर्कसंगत नहीं होगा।

भारत-चीन सीमा पर युद्ध की स्थिति के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह कहना ग़लत होगा कि चीनी सेना आक्रामक है और वह बड़े स्तर पर युद्ध की तैयारी में जुटी है। उन्होंने ज़ोर दिया कि बीजिंग युद्ध के पक्ष में नहीं है और संवाद के ज़रिए मतभेदों को दूर किए जाने की इच्छा रखता है। वह न तो युद्ध चाहता है और न ही शीत युद्ध।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पश्चात वीडियो संदेश में चीन के राष्ट्रपति ने कहा कि उनका देश एक बड़ा विकासशील देश है, शांति और सह अस्तित्व, सहकारी और सामान्य विकास में विश्वास रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि दो देशों में अक्सर मतभेद होते हैं, लेकिन वे सभी मतभेदों को आपसी संवाद से सुलझाने के पक्ष में हैं। इससे पूर्व अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और चीन के राष्ट्रपति शी जिनफ़िंग ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में अपने रिकार्ड वीडियो भाषणों में एक-दूसरे को जमकर कोसा।

ट्रम्प और शी ने अपने-अपने संबोधनों में कोरोना महामारी, ग्लोबल वार्मिंग, मानवाधिकारों, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और अन्यान्य मुद्दों को लेकर एक-दूसरे पर तीखे प्रहार किए। ये प्रहार ऐसे तीखे थे जो अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते विभाजन को स्पष्ट रूप से रेखांकित कर रहे थे। ट्रम्प ने चीन को प्रदूषण का एक प्रमुख घटक चित्रित करते हुए कहा कि पर्यवावरण के नाम पर एक कलंक है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने पेरिस जलवायु समझौते से हटने के बावजूद प्रदूषण को कम किया है। वहीं शी ने उत्सर्जन में कटौती और ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को कम करने के लिए चीन की प्रतिबद्धता को दोहराया।

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अमेरिका के प्रतिबंधों को अन्यायपूर्ण बताया और कहा कि यह वाशिंगटन है, तेहरान नहीं, जिसने मध्य पूर्व को अस्थिर कर दिया है। उन्होंने मंगलवार को रिकॉर्ड संदेश में कहा कि जनवरी में इराक में जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिकी हत्या के बाद और संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिबंधों के कारण हुई आर्थिक कठिनाई ईरान के प्रति अमेरिका के सख्त दृष्टिकोण को दर्शाता है।

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