कोरोना की गति को काफी हद तक नियंत्रित किया गया है – चौहान

भोपाल,  मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य में 5 स्तरीय रणनीति ”आइडेंटीफाई, टैस्ट, आइसोलेट, ट्रीट एवं वैक्सिनेट” अपनाकर कोरोना नियंत्रण के लिए दिनरात कार्य किया जा रहा है और कोरोना की गति को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया गया है।

चौहान ने कल देर शाम वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य में कोरोना की स्थिति को लेकर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गेहलोत, धर्मेंद्र प्रधान, फग्गन सिंह कुलस्ते और प्रहलाद पटेल से चर्चा की। इस दौरान श्री चौहान ने राज्य में कोरोना के कारण हाल में उपजे हालातों और उन पर काबू पाने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मंत्रियों ने सरकारी प्रयासों की सराहना करते हुए आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण पाने में हरसंभव मदद मुहैया करायी जाएगी।

चौहान ने कहा कि प्रदेश में ‘किल कोरोना अभियान’ और ‘कोरोना कर्फ्यू’ के अच्छे परिणाम सामने आए हैं। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत प्रदेश के निजी अस्पतालों को राज्य सरकार की ओर से विशेष पैकेज देकर सभी आयुष्मान भारत कार्डधारी एवं उनके परिजनों का कोविड का नि:शुल्क इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, वेंटिलेटर्स आदि की आपूर्ति के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत सभी केन्द्रीय मंत्रियों का आभार माना। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश को सड़क, रेल तथा वायु मार्ग के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री  प्रधान एवं  कुलस्ते को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके सहयोग से प्रदेश के 5 जिलों में कुल 350 बिस्तर वाले कोविड केयर सेंटर ‘मोइल कंपनी’ के माध्यम से बनाए जा रहे हैं। इनमें ऑक्सीजन लाइन, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स के साथ ही वेंटीलेटर्स भी लगाए जा रहे हैं।

 चौहान ने कहा कि प्रदेश में किल कोरोना अभियान के माध्यम से एक-एक कोरोना मरीज को ‘आइडेंटिफाई’ किया जा रहा है। प्रदेश में रोज लगभग 65 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं। टेस्ट करवाने को हर नागरिक का अधिकार बनाया गया है। ‘आइसोलेशन’ के लिए घर पर तथा कोविड केयर सेंटर्स में अच्छी व्यवस्था की गई है। इलाज के लिए सरकारी, अनुबंधित तथा आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत संबद्ध सभी निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया जा रहा है।

चौहान ने कहा कि प्रदेश में 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के वैक्सीनेशन के साथ ही 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों का वैक्सीनेशन भी प्रारंभ किया गया है। वैक्सीनेशन की उपलब्धता के अनुसार वैक्सीनेशन कार्य युद्ध स्तर पर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में केन्द्र सरकार के सहयोग से तथा राज्य सरकार के मद से कुल 96 ऑक्सीजन संयंत्र लगाए जा रहे हैं। इसके लिए भी मुख्यमंत्री ने केन्द्र को धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नकली रेमडेसिविर बेचने वालों, कालाबाजारी करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध रासुका में कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेजा जा रहा है। साथ ही अधिक राशि वसूलने वाले अस्पतालों के विरुद्ध भी कार्रवाई की गई है तथा मरीजों के परिजनों को लगभग 74 लाख रूपए की राशि वापस कराई गई है।

इसके पहले  चौहान ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्य में कोरोना की स्थिति की समीक्षा करते हुए बताया कि कोरोना के नए प्रकरण नौ हजार के नीचे आ गए हैं। आठ जिलों में नए प्रकरणों की संख्या 200 से अधिक है तथा सात जिलों में साप्ताहिक पॉजीटिविटी रेट 10 प्रतिशत से नीचे आ गयी है। राज्य में वर्तमान में एक्टिव केस एक लाख नौ हजार से अधिक हैं। 24 घंटों में 10,324 व्यक्ति स्वस्थ हुए। इस तरह एक्टिव केस में 1438 की कमी दर्ज की गयी।
चौहान ने बताया कि राज्य में कोरोना ग्रोथ रेट 1़ 6 प्रतिशत और साप्ताहिक पॉजीटिविटी रेट 16़ 5 प्रतिशत है। श्री चौहान ने उन जिलों में बेहतर कार्य करने के लिए कहा, जहां स्थिति अभी चिंताजनक बनी हुयी है।

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