तेरहवीं का कार्यक्रम निरस्त कर गांव में वितरित किया सैनेटाइजर और मॉस्क

शाजापुर,  वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए सरकारी प्रयासों के बीच ग्रामीण अंचलों में भी नागरिकों की अनुकरणीय पहल सामने आ रही हैं। मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के एक गांव में ग्रामीण के निधन पर परिजनों ने तेरहवीं का कार्यक्रम निरस्त कर इसमें व्यय होने वाली संभावित धनराशि से पूरे गांव में सैनेटाइजर वितरित कराके लोगों के समक्ष अनुकरणीय मिसाल पेश की है।

निपानिया गांव में हाल ही में  सवाई सिंह धाकड़ का निधन हो गया था। इसके बाद तेरहवीं का क्रम आया, तो उनके चारों पुत्रों और अन्य परिजनों ने तय किया कि कोरोना संकटकाल के दौरान तेरहवीं निरस्त कर इस धनराशि से गांव को सैनेटाइज कराया जाए। इसके बाद दिलीप सिंह, भारत, राजेश और नीरज धाकड़ ने गांव के लगभग चार सौ घरों में सेनेटाइजर, सभी सदस्यों को मॉस्क और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली विटामिन सी की गोलियां वितरित कीं।
परिजनों के अनुसार इसके साथ ही परिवार ने कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के उपचार के लिए शुजालपुर में संचालित ‘अपनों के लिए-अपना कोविड केयर सेंटर’ और एक अन्य संस्थान को 21-21 हजार रुपए की राशि दान की। परिवार की इस पहल की पूरे जिले में सराहना की जा रही है।

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