journalism
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Editorial
…ताकि वह ‘खबर’ ही रहे, सनसनी न बने
निशिकांत ठाकुर औपनिवेशिक काल में सूचना का तंत्र टेलीग्राम और टेलेक्स हुआ करता था और वर्ष 1919 भारतीय शासन अधिनियम…
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निशिकांत ठाकुर औपनिवेशिक काल में सूचना का तंत्र टेलीग्राम और टेलेक्स हुआ करता था और वर्ष 1919 भारतीय शासन अधिनियम…
Read More »ग्रेटर नोएडा। सार्क जर्नलिस्ट फोरम(एसआरएफ) ने अफगानिस्तान में महिला पत्रकारों की दुखद स्थिति के प्रति चिंता व्यक्त की…
Read More »नई दिल्ली : ”बाबा साहब आंबेडकर का मानना था कि बिना किसी प्रयोजन के समाचार देना और समाज को जागृत…
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