मुनव्वर फारूकी को सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत

हिंदू देवी-देवताओं पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में जेल में बंद कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत दी है।

कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट में मुनव्वर फारूकी ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमे उसे जमानत पर रिहा करने से मना किया गया था।

न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ के समक्ष फारूकी की याचिका पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश पुलिस को नोटिस जारी किया है।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 28 जनवरी को अपने आदेश में फारूकी को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि सौहार्द्र को बढ़ावा देने उनका संवैधानिक कर्तव्य है।

मध्य प्रदेश में उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के न्यायाधीश रोहित आर्य की एकलपीठ ने अपने फैसले में कहा था कि प्रकरण में जांच जारी है, लिहाजा गुण-दोष के आधार पर फिलहाल निष्कर्ष नहीं निकाला जा रहा है, लेकिन प्रथम दृष्टया दोनों आवेदकों के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप सही दिखाई देते हैं। ऐसी परिस्थिति में आवेदकों को जमानत नहीं दी जा सकती हैं।

इस फैसले में न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि हमारा देश बेहद खूबसूरत है, विविध संस्कृति, भाषा, धार्मिक मान्यताए और भौगोलिक विविधता का सुंदर ताना बाना है।

हमारा संविधान जहां हम नागरिकों को कई अधिकार देता है, वहीं हम नागरिकों के कई संवैधानिक दायित्व भी हैं। प्रदत्त अधिकारों और कर्तव्यों के बीच संतुलन रख हम इस विविधता को संरक्षित रखें, किसी की भावनाओं को आहत नहीं करें।

दरअसल, भाजपा विधायक के बेटे की शिकायत पर फारूकी और अन्य को एक जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। विधायक के बेटे ने शिकायत दर्ज कराई थी कि फारूकी ने नववर्ष पर इंदौर में एक कैफे में कॉमेडी शो के दौरान हिंदू देवी-देवताओं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

पुलिस ने हास्य व्यंग्य के जरिये धार्मिक भावनाओं को आहत करने, प्रभावशाली व्यक्तियों के आपत्तिजनक टिप्पणी करने की धराओं में गिरफ्तार किया था। बाद में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था।

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