तालिबान पर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस:भारत ने पाकिस्तान को भी न्योता दिया

पाक NSA आए तो दोनों देशों के बीच 5 साल में पहली हाई-लेवल मीटिंग होगी

अगले महीने भारत अफगानिस्तान के हालात पर एक ग्लोबल कॉन्फ्रेंस का आयोजन करने जा रहा है। इसमें भारत ने कई देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों को शामिल होने का निमंत्रण दिया है। इन देशों में पाकिस्तान और रूस भी शामिल हैं। इन दोनों देशों के अलावा चीन, इरान, उज्बेकिस्तान को भी इनवाइट किया गया है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैठक में अफगानिस्तान में मौजूद तालिबान के कब्जे के बाद पैदा हुई मानवीय त्रासदी और सुरक्षा संकट पर बात की जाएगी। इस बारे में भी चर्चा की जाएगी कि तालिबान को अपने शासन में मानवाधिकारों की रक्षा करनी होगी। उम्मीद है कि नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रिटेरिएट की तरफ से आयोजित की जा रही इस बैठक की अगुआई भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल करेंगे।

2016 के बाद दोनों देशों की पहली हाई-लेवल मीटिंग
भारत में लगातार बढ़ रही क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म की घटनाओं के चलते केंद्र सरकार लगातार इस बात पर जोर दे रही है कि पाकिस्तान को लश्करे-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को काबू करना होगा। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि भारत में होने वाली बैठक में पाकिस्तान की क्या हिस्सेदारी रहेगी और क्या पाकिस्तानी NSA मोईद यूसुफ इस कॉन्फ्रेंस में शामिल हाेने भारत आएंगे।

अगर वे इसमें शामिल होने आते हैं, तो यह 2016 में तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के फॉरेन अफेयर्स एडवाइजर सरताज अजीज की भारत यात्रा के बाद दोनों देशों की तरफ से पहली हाई-लेवल मीटिंग होगी।

तालिबान को बुलावा नहीं
नवंबर के दूसरे सप्ताह में होने वाली इस बैठक के लिए भारत ने तालिबान को बुलावा नहीं भेजा है। हालांकि 20 अक्टूबर को रूस में होने वाली मॉस्को फॉर्मेट की बातचीत के लिए तालिबान को इनवाइट किया गया है। इसमें भारत भी भाग लेगा। भारत सरकार तालिबान को यहां बुलाने को लेकर एहतियात बररत रही है क्योंकि तालिबानी सरकार ने अफगाानिस्तान में सबके अधिकारों का सम्मान करने और समावेशी सरकार बनाने की अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मांग पर अब तक कोई जवाब नहीं दिया है।

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