15 साल बाद हो सकता है यूपी में छात्र संघ चुनाव

लखनऊ– लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुसार उत्तर प्रदेश में राज्य के विश्वविद्यालय और अन्य उच्च शिक्षण संस्थान जल्द ही छात्र संघ चुनाव करा सकते हैं। इस आशय का संकेत यूपी के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने दिया। उन्होंने कहा सरकार ने छात्र संघ चुनाव पर रोक नहीं लगाई है। विश्वविद्यालय चुनाव कराने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन उन्हें लिंगदोह पैनल की सिफारिशों का पालन करना चाहिए। विश्वविद्यालयों को अब फैसला करना चाहिए।

लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुसार, अपराधियों और राजनीतिक दलों से चुनाव प्रक्रिया को बचाने के लिए केवल कॉलेज विश्वविद्यालय के छात्र ही चुनाव प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।

विश्वविद्यालय अलग-अलग कॉलेजों को अपने स्वयं के प्रतिनिधि निकाय गठित करने की अनुमति दे सकते हैं। चुनाव सालाना होना चाहिए। उन्हें शैक्षणिक सत्र की शुरूआत से छह से आठ सप्ताह के बीच आयोजित किया जाना चाहिए। इसके अलावा केवल 17 से 22 वर्ष के बीच के स्नातक चुनाव लड़ सकते हैं। 2006 में संघ चुनाव स्थगित कर दिया था।

राज्य सरकार ने सितंबर 2007 में कैंपस चुनाव में बाहरी लोगों की भागीदारी की प्रवृत्ति को खत्म करने के उद्देश्य से पूरे राज्य में छात्र संघ चुनाव पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया था।हालांकि, मार्च 2008 में राज्य सरकार ने प्रतिबंध हटा लिया और शीर्ष अदालत के निर्देशानुसार लिंगदोह समिति की सिफारिशों को लागू करने की वकालत की।

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