कानपुर में हुई घटना के विरोध में समाजवादियों ने सीएम योगी का फूंका पुतला

अमेठी जिले में कानून बना मजाक, कानून की उड़ाई गई खुलेआम धज्जियां। पुलिस की नाक के नीचे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के द्वारा कानपुर में हुई घटना के विरोध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला कस्बे के अंदर अंबेडकर तिराहे पर जलाया गया और मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए। पुलिस अनजान बनी रही और कार्यवाही के नाम पर शून्य ही रहा। यह पुतला उस समय जलाया गया जब कोरोनावायरस के चलते जिले में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है और जनपद में इसी के साथ धारा 144 भी लागू है । एक साथ 5 लोग भी एकत्रित नहीं हो सकते हैं ऐसे में इन सपा कार्यकर्ताओं का इकट्ठा होना और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला पुतला कहीं ना कहीं अमेठी जिले की पुलिस प्रशासन पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।

कानपुर में जो यह घटना हुई है उसमें जो हत्यारा है वह योगी जी का बहुत करीबी है उसको हत्यारा ना कह के आतंकवादी कहा जा सकता है यह दुबे जी ना होकर यदि इनके नाम के सामने मोहम्मद लिखा होता तो यह आतंकवादी घोषित हो गए होते। लेकिन जो दुबे जी एक आतंकवादी घटना को अंजाम दिए हैं पुलिस वालों पर गोलियां चलाई है और जिसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं यह एक आतंकवादी घटना है इसको योगी जी अपराधी और हिस्ट्रीशीटर का नाम दे रहे हैं इसका तुरंत एनकाउंटर कर देना चाहिए इसके विरोध में आज हम लोगों ने धरना प्रदर्शन किया है इसके बाद योगी जी का पुतला दहन किया है।

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