सचिन-कोहली के ट्वीट पर भड़कें शशि थरूर, कहा- ऐसे नहीं सुधर सकती भारत की छवि

केंद्र के नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ दो महीने से भी अधिक समय से जारी किसान आंदोलन के समर्थन में विदेशी हस्तियों द्वारा की गई टिप्पणी के बाद से देश में एक नया घमासान शुरू हो गया है। वहीं किसान आंदोलन का वैश्विक हस्तियों के समर्थन करने के बाद सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इसके बाद बॉलीवुड कलाकारों और क्रिकेटरों ने सरकार का समर्थन किया। अब क्रिकेटरों की हिमायत करने पर कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने कहा कि केंद्र के ‘अड़ियल रवैये और अलोकतांत्रिक व्यवहार से’ भारत की वैश्विक छवि को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई नहीं हो सकती है।

बॉलीवुड ने दी कड़ी प्रतिकियां

भारत ने पॉप गायिका रिहाना और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग जैसी वैश्विक हस्तियों द्वारा किसान आंदोलन का समर्थन किए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बॉलीवुड के कई अभिनेताओं, किक्रेटरों और केंद्रीय मंत्रियों ने सरकार के रुख का समर्थन किया है। शशि थरूर ने ट्वीट किया, ‘भारत सरकार के लिए भारतीय शख्सियतों से पश्चिमी हस्तियों पर पलटवार कराना शर्मनाक है। भारत सरकार के अड़ियल और अलोकतांत्रितक बर्ताव से भारत की वैश्विक छवि को जो नुकसान पहुंचा है, उसकी भरपाई क्रिकेटरों के ट्वीट से नहीं हो सकती है।’

 

इन्होंने किए ये ट्वीट

पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, अनिल कुंबले और रवि शास्त्री ने ‘इंडिया टूगेदर’ (भारत एकजुट है) और ‘इंडिया अगेंस्ट प्रोपगेंडा’ (भारत दुष्प्रचार के खिलाफ है) हैशटैग के साथ ट्वीट किए हैं। इसके बाद थरूर ने यह टिप्पणी की है। पूर्व विदेश राज्य मंत्री ने कहा, ‘कानून वापस लीजिए और समाधान पर किसानों के साथ चर्चा कीजिए और आप इंडिया टूगेदर पाएंगे।’

पी चिंदबरम ने कहा ये

कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय गृह और वित्त मंत्री पी चिंदबरम (P Chidambaram) ने कहा कि यह अच्छा है कि रिहाना और थनबर्ग विदेश मंत्रालय को जगा सकती हैं। उन्होंने ट्विटर पर कहा, ‘विदेश मंत्रालय, आपको कब एहसास होगा कि मानवाधिकार और आजीविका के मुद्दों से चिंतित लोग राष्ट्रीय सीमाओं को नहीं पहचानते हैं? विदेश मंत्रालय ने म्यांमा में सैन्य तख्तापलट पर टिप्पणी क्यों की थी? इस पर विदेश मंत्रालय बेहद चिंतित क्यों था?’

 

पूछा ये सवाल

उन्होंने पूछा कि विदेश मंत्रालय श्रीलंका और नेपाल के ‘आंतरिक’ मामलों पर नियमित रूप से टिप्पणी क्यों करता है? चिदंबरम ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने अमेरिका में कैपिटल भवन (संसद भवन) पर हमले पर टिप्पणी क्यों की थी? उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि एस जयशंकर जैसे विद्वान व्यक्ति विदेश मंत्रालय द्वारा ऐसी ‘बचाकानी प्रतिक्रिया’ देना की इजाजत देनी चाहिए।

 

मशहूर हस्तियों को सख्त हिदायत

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘खास तौर पर मशहूर हस्तियों एवं अन्य द्वारा सोशल मीडिया पर हैशटैग और टिप्पणियों को सनसनीखेज बनाने की ललक न तो सही और न ही जिम्मेदाराना होती है।’ विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब अमेरिकी पॉप गायिका रिहाना और स्वीडन की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग सहित कई मशहूर हस्तियों ने भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन के बारे में ट्वीट किया है।

भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने का प्रयास

मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत के संसद ने कृषि क्षेत्र से जुड़ा सुधारवादी विधेयक पारित किया है। इसमें कहा गया है कि कुछ निहित स्वार्थी समूहों ने भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने का प्रयास किया। बयान में कहा गया है कि, ‘हम इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि इन प्रदर्शनों को भारत के लोकतांत्रिक आचार और राजनीति के संदर्भ और सरकार के संबंधित किसान समूहों से गतिरोध दूर करने के प्रयासों के संदर्भ में देखा जाना चाहिए।’ मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि हम अपील करते हैं कि ऐसे मामलों में कोई भी टिप्पणी करने की जल्दबाजी से पहले तथ्यों को परखना चाहिए और मुद्दों के बरे में उपयुक्त समझ बनानी चाहिए।

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