ऑनर किलिंग के लिए मशहूर मुजफ्फरनगर में ठीक हुआ लिंग अनुपात

मुज़फ्फरनगर : कभी तुगलकी फैसलों, ऑनर किलिंग तो कभी अपराध को लेकर चर्चाओं में रहने वाले जनपद मुजफ्फरनगर की तस्वीर आज बदली बदली सी गई है | खासतौर से महिलाओं के लिए सुकून भरा भी है, क्योंकि यहां बेटे बेटियों के रूप में लिंग अनुपात की खाई काफी हद तक ख़त्म हो चुकी है | जिले की आबादी में न केवल बेटियों का अनुपात बढ़ा है, बल्कि तमाम क्षेत्रों में सफल होकर बेटिया जिले वासियों की बदली सोच को सलाम भी कर रही है | बेटा – बेटी में फर्क खत्म कर रूढ़ीवादी शौच से मुक्त हुआ जिला देश प्रदेश के अन्य जिलों को सुखद संदेश भी दे रहा है । जिला बेटे के अनुपात में बेटिया काफी हद तक कवर कर चुकी है । जिसका श्रेय हर वर्ग को जाता है । जिसके लिए खाप चौधरी भी खुद को श्रेय दे रहे है | वही सीएमएस से लेकर जिला मजिस्ट्रेट व मंत्री सरकार द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी अनेकों योजना चलने के कारण बेटियों के अनुपात में बढ़ोतरी हुई बता रहे है ।

दरअसल मुज़फ्फरनगर जनपद खाप चौधरियों द्वारा बेटियों को लेकर दिये गए तुगलकी फरमानों व ऑनर किलिंग की घटनाओं से काफी बदनाम है | जिसके चलते बेटियों का अनुपात बेटों से बहुत कम था लेकिन प्रदेश व केंद्र सरकार द्वारा बेटियों को लेकर चलाई जा रही महत्वकांशी योजना का असर मुज़फ्फरनगर जनपद में खासा दिखाई पड़ा है । जिसके चलते मुज़फ्फरनगर जनपद में बेटिया बेटों के अनुपात को कवर करती नजर आ रही है । जहां सरकार की योजनाओं का प्रचार काफी हो रहा है | वहीँ महिला चिकित्सक अवैध तरीके से चलाए जा रहे अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर की जा रही छापेमारी का भी असर है। देश में बेटियों का ग्राफ बढ़ाने के लि ए अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर भूर्ण लिंग परीक्षण पर रोक लगाने को पीसीपीएनडीटी कानून बनाया गया इसके साथ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के जरिए लोगों की सोच बदलने के लिए सरकार ने विभिन्न योजनाएं चलाकर बेटियों को आगे बढ़ाने का काम भी सरकार ने किया है इसका परिणाम मुजफ्फरनगर में देखने को मिला है जिसका डंका केवल सुबे में ही नहीं बल्कि केंद्र में भी बज रहा है ।मुजफ्फरनगर का बाल लिंग अनुपात 5 वर्षों में 1000 बेटों पर 884 बेटियों से बढ़कर 934 बेटियों तक जा पहुंचा है लिंग अनुपात में बेटियों की बढ़ती संख्या के आंकड़ों का अवलोकन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने भी किया जिस पर मंत्रालय ने मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन की मेहनत और सोच पर हर्ष व्यक्त किया है जिसको लेकर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अपर सचिव (के मोसेस चलाई) ने मुजफ्फरनगर की डीएम सेल्वा कुमारी जे को हर्ष जताते हुए पत्र जारी किया है उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर प्रशासन ने लिंग अनुपात पर बेहतर काम किया है।

पांच साल का लिंगानुपात

2014-2015 बालक =1000 बालिका =884
2015- 2016 बालक =1000 बालिका=909
2016-2017 बालक =1000 बालिका =929
2017-2018 बालक =1000 बालिका=879
2018-2019 बालक =1000 बालिका= 934

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