अन्न का सम्मान, देश के अन्नदाताओं का सम्मान : अश्विनी चौबे

पटना। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि अन्न सम्मान देश के अन्नदाताओं का सम्मान है। भोजन बर्बाद ना हो इसका हम सभी को ध्यान रखना चाहिए। शुक्रवार को वे विश्व खाद्य दिवस पर भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की ओर से आयोजित कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि हम सभी विश्व खाद्य दिवस समारोह मना रहे हैं। इस तरह के खाद्य संस्कृति को हमें अपनाना होगा जिसमें हमारे बेहतर स्वास्थ्य का राज छुपा हुआ हो। आज वही व्‍यक्‍ति सुखी है और खुश है, जिसका स्‍वास्‍थ्‍य अच्छा है। सेहतमंद लोग लम्‍बी आयु तो जीते ही हैं, वे समाज में एवं आर्थिक उन्‍नति में भी अधिक योगदान देते हैं। अच्‍छी सेहत के लिए सही भोजन को चुनना स्‍वाथ्‍य के लिए बहुत ही महत्‍वपूर्ण होता है। हर वर्ष मनाया जाने वाला विश्व खाद्य दिवस एक ऐसा मौका होता है जब हम सभी इस बात को याद करते हैं कि भोजन सभी को मिले, वह पौष्‍टिक हो और सही खाने की पद्धतियां प्रयोग में लाई जाएं। इस वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण सही खाने और अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए फिर से ध्‍यान देने पर जोर दिया गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने कहा कि सही भोजन करना, सही मात्रा में भोजन करना और सही समय पर भोजन करना स्वास्थ्य को अच्‍छा बनाए रखने की कुंजी है। जो खाना हम खाते हैं, उससे हमारे शरीर को शक्‍ति मिलती है। यह इस शक्‍ति के इस्‍तेमाल करने के तरीके पर निर्भर करता है कि हम उसका फायदा उठाएं या हम उस भोजन को रोग का कारण बनाएं। हमारे खाने की ताकत हमारे शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाती है, वह उपचारात्‍मक एवं रोगों के इलाज से संबंधित गुणों से युक्‍त है। इसलिए, खाने के इन सभी गुणों के महत्‍व का आकलन कम नहीं हो सकता है। आयुर्वेदिक आहार हमारे भोजन की भारतीय पद्धति है जिसे हम हजारों वर्षों से अपनाते चले आ रहे हैं। यह सादा भोजन के सिद्धांतों पर आधारित है। इससे, शरीर के भीतर मौजूद विभिन्‍न प्रकार की ऊर्जा में संतुलन स्‍थापित होता है। परिणामस्‍वरुप स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार होता है। प्राधिकरण के ईट राइट इंडिया अभियान ने सही खाने के प्रति लोगों में जागरूकता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। ईट राइट इंडिया आंदोलन के अंतर्गत भी नागरिकों में सही खाने की पद्धतियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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