राफेल बना इंडियन एयरफोर्स की ताकत, 5 विमानों का हुआ फ्लाईपास्ट

भारत में कुछ समय पहले ही पांच राफेल विमानों का पहला जत्था 27 जुलाई को फ्रांस से अंबाला के वायुसैनिक अड्डे पर पहुंचा था। इस पर लंबी राजनीतिक बहस और प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंचे हैं, जो की पूरी अत्याधुनिक तकनीक के साथ वायुसेना में आज से सुचारु रूप से शामिल हो रहे हैं। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।

अंबाला एयरबेस पर आज सुबह दस बजे से आयोजित भव्य कार्यक्रम में एयरफोर्स को 5 राफेल सौंप दिए गए है। हरियाणा के अंबाला स्थित वायु सेना स्टेशन में एक शानदार समारोह में यह लड़ाकू विमान, वायु सेना में एक गोल्डन एरो का हिस्सा बन गया है। अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों की कमी का सामना कर रही भारतीय वायु सेना के लिए यह दिन काफी महत्वपूर्ण है।

लड़ाकू विमान की खासियत यह है की यह 4.5 जेनरेशन मीड ओमनी-पोटेंट रोल एयरक्राफ्ट है साथ ही मल्टीरोल होने के कारण दो इंजन वाला राफेल फाइटर जेट हवा में अपनी बादशाहत कायम करने के साथ-साथ दुश्मन की सीमा में घुसकर हमला करने में भी बेहद सक्षम है। यानी राफेल जब आसमान में उड़ता है तो कई सौ किलोमीटर तक दुश्मन का कोई भी विमान, हेलीकॉप्टर या फिर ड्रोन भी आस – पास नहीं भटक सकता और यह विमान दुश्मन की जमीन में अंदर तक दाखिल होकर बमबारी कर तबाही तक मचा सकता है। इसलिए राफेल को मल्टी रोल लड़ाकू विमान भी कहा गया है। राफेल विमान को वायुसेना में शामिल करने का कार्यक्रम शुरू हो गया है। इसके बाद ही फ्लाईपोस्ट का कार्यक्रम शुरू होगा।

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