क्वाड की बैठक में भारत-प्रशांत सहित आपदा राहत, समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद से निपटने पर हुई चर्चा

नई दिल्ली। भारत-प्रशांत क्षेत्र के चार बड़े देशों भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया के अनौपचारिक राजनीतिक गुट (क्वाड) की मंत्रिस्तरीय बैठक मंगलवार को जापान में हुई। इसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भाग लिया और मुक्त, खुले और समावेशी भारत-प्रशांत के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।

बैठक में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो, आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिज पायने और जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी ने भाग लिया। चारों देशों के विदेश मंत्रियों ने बैठक में आपसी हित के क्षेत्रीय मुद्दों और कनेक्टिविटी, मानवीय सहायता व आपदा राहत, समुद्री सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा और आतंकवाद का मुकाबला करने से जुड़े मुद्दों के बारे में विचारों का आदान-प्रदान किया।

अमेरिका ने एशिया में चीन के बढ़ते दबदबे को काबू में रखने के लिए भारत-प्रशांत (इंडो-पेसिफिक) की अवधारणा प्रस्तुत की है। इसके तहत वह क्वाड को राजनीतिक और सैनिक सहयोग का एक औपचारिक गुट बनाना चाहता है। दूसरी ओर भारत का मानना है कि भारत-प्रशांत नीति सभी देशों के लिए खुली होनी चाहिए। स्वयं भारत किसी गठबंधन के साथ जुड़ने को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है।

उल्लेखनीय है कि चीन काफी समय से भारत-प्रशांत नीति और क्वाड का विरोध करता रहा है तथा उसने इस संबंध में भारत को अगाह भी किया है।

विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति के मुताबिक विदेश मंत्रियों ने एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी भारत-प्रशांत बनाए रखने की अपनी सामूहिक सोच की फिर से पुष्टि की। उन्होंने इसको आसियान केंद्रित बनाने की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया और भारत-प्रशांत के लिए एक समान दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में काम करने की अपनी तत्परता को आगे रखा। इन परामर्शों के मूल्य की सराहना करते हुए उन्होंने इसे नियमित रूप से करने पर सहमति जताई।

विदेश मंत्रियों ने सितंबर-2019 में अपनी चर्चा के बाद और कोविड -19 से उपजी अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था पर चर्चा की। उन्होंने महामारी से पैदा हुई वित्तीय समस्याओं सहित चुनौतियों से निपटने के लिए समन्वित प्रयास करने का आह्वान किया। इसके अलावा उन्होंने कोविड -19 का मुकाबला करने से जुड़ी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने, आपूर्ति श्रृंखलाओं काे लचीलापन बनाना और सस्ते टीकों, दवाओं व चिकित्सा उपकरणों तक पहुंच बढ़ाने पर भी बल दिया।

विदेश मंत्री जपान की अपनी यात्रा के दौरान इन देशों के विदेश मंत्रियों के साथ अलग से द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं।

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