प्रयागराज में क्यों ‘मुर्गा’ बन सड़कों पर उतरे छात्र ? अनोखे प्रदर्शन की वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

प्रयागराज में डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पत्थर गिरजाघर पर कान पकड़कर मुर्गा बनते हुए अपनी पीड़ा व्यक्त की और सरकार से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग की।

12 लाख से अधिक प्रशिक्षु इंतजार में

अभ्यर्थियों का कहना है कि 2018 के बाद से कोई नई शिक्षक भर्ती नहीं हुई है, जिससे लगभग 12 लाख से अधिक डीएलएड प्रशिक्षु बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं। इनमें से कई ने टीईटी और सीटीईटी जैसी पात्रता परीक्षाएं भी उत्तीर्ण की हैं, फिर भी उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है।

शिक्षक दिवस पर आयोग का घेराव

5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर, अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का घेराव किया। उनकी मांग थी कि बेसिक और अपर बेसिक स्कूलों में खाली पड़े सहायक अध्यापकों के पदों को भरने के लिए तुरंत विज्ञापन जारी किया जाए। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में लगभग 97,000 शिक्षक पद खाली हैं।

निजी कॉलेजों में कॉशन मनी की समस्या

डीएलएड प्रशिक्षुओं ने यह भी आरोप लगाया कि कई निजी कॉलेजों ने उनकी कॉशन मनी वापस नहीं की है। प्रशिक्षण के दौरान ली गई यह राशि, जो कि 3,000 रुपये तक होती है, को समय पर वापस नहीं किया गया। इस पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने निर्देश जारी किए हैं कि कॉशन मनी को तुरंत वापस किया जाए, अन्यथा प्रति दिन 50 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

इंटरमीडिएट पास भी कर सकेंगे डीएलएड

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस आदेश को असंवैधानिक करार दिया है, जिसमें डीएलएड पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए स्नातक की अनिवार्यता थी। अब इंटरमीडिएट पास छात्र भी डीएलएड में प्रवेश ले सकेंगे। कोर्ट ने इसे भेदभावपूर्ण और मनमाना निर्णय बताया है।

सरकार से स्पष्ट नीति की मांग

प्रशिक्षुओं का कहना है कि यदि सरकार को शिक्षक भर्ती नहीं करनी थी, तो डीएलएड कोर्स को बंद कर देना चाहिए था। इससे छात्रों का समय और पैसा बर्बाद नहीं होता। वे सरकार से स्पष्ट नीति और शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग कर रहे हैं।

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