पराली जलाने के संबंध में प्रकाश जावड़ेकर पांच राज्यों के मंत्रियों और सचिवों के साथ करेंगे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

नई दिल्ली : पराली प्रदूषण को लेकर केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री ने इससे प्रभावित होने वाले दिल्ली समेत पांच राज्यों के मंत्रियों और सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। करीब डेढ़ घंटे चली बैठक के बाद केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि पूसा इंस्टीट्यूट ने पराली को नष्ट करने के लिए नया शोध किया है। अब इस शोध का ट्रायल सभी राज्यों की हजारों एकड़ जमीनों पर होगा ताकि इसका लाभ दूसरे राज्यों को भी मिल सके। उन्होंने कहा कि बैठक में दिल्ली की आबोहवा और पराली से होने वाली दूषित हवा को कम करने के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान को इस दिशा में तेजी से कदम उठाने को कहा है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि साल 2016 के मुकाबले 2019 में स्वच्छ हवा वाले दिन की संख्या अधिक रही है। उन्होंने बताया कि 2019 में गुड एयर डेज की संख्या 182 थी, जबकि 2016 में यह संख्या 108 थी। वहीं, खराब हवा वाले दिनों की संख्या में भी काफी कमी आई है। मंत्री ने बताया कि 2016 में बैड एयर डेज की संख्या 246 थी जो 2019 में घटकर 183 रह गई। सभी राज्यों को दी नसीहत, कोरोना के मद्देनजर कम करें प्रदूषण केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि कोरोना के मद्देनजर यह और भी जरूरी हो जाता है कि हम हवा को प्रदूषित होने से बचाए क्योंकि इसका सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर होता है। इसलिए यह गंभीर विषय बन गया है। इसलिए सभी राज्यों ने एक्शन प्लान तैयार किया है।

उन्होंने बताया कि दिल्ली में 13 हॉटस्पॉट हैं जहां तेजी से काम करने की जरुरत है। इन ह़ॉटस्पॉट में द्वारका, मायापुरी, मुंडका, रोहिणी, जहांगीरी, आरके पुरम शामिल हैं। हरियाणा सरकार को भी सोनीपत, पानीपत, झज्जर में काम करने की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर, मेरठ, गाजियाबाद और राजस्थान में भिवाड़ी में काम किया जाना है। सभी राज्यों को मिलकर इस दिशा में काम करना है। इसके साथ लोगों को भी अपनी ओर से सहयोग करना चाहिए। इस मीटिंग में दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के पर्यावरण मंत्री और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, डीडीए एवं एनडीएमसी के अधिकारी शामिल हुए।

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