आज तमिलनाडु और केरल के दौरे पर पीएम मोदी, सेना को सौंपेंगे ये चीझ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को तमिलनाडु और केरल राज्य के दौरे पर जाने वाले हैं। प्रधानमंत्री मोदी 14 फरवरी को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई पहुंचेंगे। वे यहां अलग-अलग परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे। वे भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को अर्जुन टैंक के उन्नत संस्करण (मार्क-1ए) सौंपेंगे। इसके अलावा वे कोच्चि में विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास कर उसे राष्ट्र को समर्पित करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान कई परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे। इसके बाद वे सेना को अर्जुन टैंक सौंपेंगे। पूरी तरह स्वदेश में निर्मित अर्जुन टैंक के इस उन्नत संस्करण का निशाना अचूक बताया जा रहा है, जिससे भारतीय सेना की जमीन पर मारक क्षमता को और ज्यादा मजबूती मिलेगी। फिर वे करीब तीन बजे कोच्चि पहुंचेंगे। यहां वे पेट्रोकेमिकल, इन्फ्रास्ट्रक्चर और जलमार्गों से संबंधित कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे।

अर्जुन टैंक का डिजाइन तैयार करने वाले रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) के चेयरमैन जी. सतीश रेड्डी ने प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से अर्जुन एमके-1ए को देश को समर्पित करने का फैसला लेने की प्रशंसा की है। रक्षा शोध व विकास सचिव की भी जिम्मेदारी संभाल रहे रेड्डी ने बताया कि नए संस्करण में 71 अतिरिक्त फीचर जोड़े गए हैं, जो इसे दुनिया के सभी श्रेष्ठ टैंकों के समकक्ष खड़ा करते हैं। बता दें कि हाल ही में रक्षा मंत्रालय की बैठक में 118 उन्नत अर्जुन टैंक सेना में शामिल करने को मंजूरी दी गई थी।

रेड्डी चेन्नई के अवाडी में टैंक प्रोडक्शन यूनिट में निर्मित पहले मार्क-1ए टैंक को पीएम मोदी को भेंट करेंगे। इसके बाद इसे सेना को सौंपने की औपचारिकता पूरी की जाएगी। इसके बाद सेना की तरफ से अर्जुन मार्क-1ए टैंक के निर्माण का औपचारिक आर्डर जारी किया जाएगा। सेना को पांच टैंक 30 महीने के अंदर दे दिए जाएंगे। रेड्डी ने कहा, देश में लोग और कंपनियों को अत्याधुनिक स्वदेशी प्रणालियां बनाने के प्रयास करने चाहिए ताकि आने वाले सालों में सैन्य बलों के पास अधिकतम स्वदेश निर्मित उपकरण मौजूद हों।

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रेड्डी ने बताया कि ये 118 अर्जुन टैंक 8500 करोड़ रुपये में तैयार किए गए हैं। इन्हें तैयार करने के लिए 200 उद्योगों की पूरी चेन ने विभिन्न तरीकों से अपना योगदान दिया। इसके चलते 8000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला, जिससे विभिन्न तरीकों से उद्योगों और देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा,

118 उन्नत अर्जुन टैंक खरीदने को 2012 में मंजूरी दी गई थी और 2014 में रक्षा खरीद समिति ने इसके लिए 6600 करोड़ रुपये भी जारी कर दिए थे। लेकिन इसकी फायर क्षमता समेत कई पक्षों पर सेना ने सुधार की मांग की थी। इस बीच सेना ने 2015 में रूस से 14000 करोड़ रुपये में 464 मध्यम वजन के टी-90 टैंक की खरीद का सौदा कर लिया था। सेना की मांग के आधार पर उन्नत किए जाने के बाद अर्जुन टैंक मार्क-1ए को 2020 में हरी झंडी मिली थी।

भारतीय सेना के बेड़े में 124 अर्जुन टैंकों की एक रेजीमेंट पहले से ही साल 2004 में शामिल की जा चुकी है, जो पश्चिमी रेगिस्तान में तैनात है। लेकिन ये अर्जुन टैंक पुराने मॉडल के हैं, जिनमें करीब 72 तरह के सुधार की आवश्यकता भारतीय सेना ने जताई थी। इसके बाद डीआरडीओ ने नए संस्करण को तैयार किया है। अब शामिल किए जा रहे 118 अर्जुन टैंक अतिरिक्त फीचर वाले हैं और पहले से ज्यादा मारक क्षमता वाले हैं। इनके लिए एक और बख्तरबंद रेजीमेंट बनाई जाएगी।

118 अर्जुन मार्क-1ए टैंक इस सीरीज का आखिरी बैच होेंगे। दरअसल अर्जुन टैंक के करीब 68 टन वजनी होने को भारतीय सेना समस्या मानती है। खासतौर पर चीन के खिलाफ लद्दाख व अरुणाचल प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में इस टैंक को तैनात नहीं किया जा सकता है। वहां के लिए सेना 20 से 25 टन के हल्के और 30  से 50 टन वजन के मध्यम टैंक की आवश्यकता जता चुकी है।

 

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