राज्यसभा के 250 वें सत्र पर पीएम ने गिनाई विकास यात्रा में उच्च सदन की उपलब्धि

देश के ऊपरी सदन राज्यसभा का 250वां सत्र आज से शुरू हो गया हैस | इस मौके पर पीएम मोदी ने राज्यसभा को संबोधित किया | राज्यसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘इस सदन के दो पहलू खास हैं: 1- स्थायित्व, 2- विविधता, स्थायित्व इसलिए महत्वपूर्ण है कि लोकसभा तो भंग होती रहती है लेकिन राज्य सभा कभी भंग नहीं होती और विविधता इसलिए महत्वपूर्ण है कि क्योंकि यहां राज्यों का प्रतिनिधित्व प्राथमिकता है |”

पीएम मोदी ने कहा, ”पिछले 5 साल का समय देखें तो यही सदन है जिसने तीन तलाक का बिल पास करके महिला सशक्तिकरण का बहुत बड़ा काम किया | इसी सदन ने सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया, लेकिन कहीं विरोधभाव पैदा नहीं हुआ | सब जगह सहयोग का भाव बना |”

पीएम मोदी ने कहा, ”इसी सदन ने जीएसटी के रूप में वन नेशन-वन टैक्स की ओर समहति बनाकर देश को दिशा देने का काम किया है | देश की एकता और अखंडता के लिए अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने की शुरुआत पहले इसी सदन में हुई, उसके बाद लोकसभा में ये हुआ |”

पीएम मोदी ने कहा, ”राज्यसभा के 250वें सत्र के दौरान मैं यहां उपस्थित सभी सांसदों को बधाई देता हूं | 250 सत्रों की ये जो यात्रा चली है, उसमें जिन-जिन सांसदों ने योगदान दिया है वो सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं | मैं उनका आदरपूर्वक स्मरण करता हूं |”

पीएम मोदी ने कहा, ”250 सत्र ये अपने आप में समय व्यतीत हुआ ऐसा नहीं है | एक विचार यात्रा रही | समय बदलता गया, परिस्थितियां बदलती गई और इस सदन ने बदली हुई परिस्थितियों को आत्मसात करते हुए अपने को ढालने का प्रयास किया | सदन के सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं |”

राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा, ”अनुभव कहता है संविधान निर्माताओं ने जो व्यवस्था दी वो कितनी उपयुक्त रही है | कितना अच्छा योगदान इसने दिया है | जहां निचला सदन जमीन से जुड़ा है, तो उच्च सदन दूर तक देख सकता है |”

‘अनुभवी लोग थे जिन्होंने शासन व्यवस्था में निरंकुशता नहीं आने दी’

राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ”भारत की विकास यात्रा में निचले सदन से जमीन से जुड़ी चीजों का प्रतिबिंब झलकता है, तो उच्च सदन से दूर दृष्टि का अनुभव होता है|”

पीएम मोदी ने कहा, ”इस सदन का एक और लाभ भी है कि हर किसी के लिए चुनावी अखाड़ा पार करना बहुत सरल नहीं होता है, लेकिन देशहित में उनकी उपयोगिता कम नहीं होती है, उनका अनुभव, उनका सामर्थय मूल्यवान होता है|”

पीएम मोदी ने कहा, ”हमारे देश में एक लंबा कालखंड ऐसा था जब विपक्ष जैसा कुछ खास नहीं था. उस समय शासन में बैठे लोगों को इसका बड़ा लाभ भी मिला. लेकिन, उस समय भी सदन में ऐसे अनुभवी लोग थे जिन्होंने शासन व्यवस्था में निरंकुशता नहीं आने दी. ये हम सबके लिए याद करने बाली बात है|”

उन्होंने कहा, ”हमारे संविधान निर्माताओं ने हम लोगों को जो दायित्व दिया है, हमारी प्राथमिकता है कल्याणकारी राज्य लेकिन उसके साथ हमारी जिम्मेदारी है राज्यों का भी कल्याण. राज्य और केंद्र मिल करके देश को आगे बढ़ा सकते हैं |”

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