किसान आंदोलन में नहीं जाने पर 1500 का जुर्माना, पंचायत का फरमान

तीन कृषि बिलों के खिलाफ राजधानी दिल्ली में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। 26 जनवरी की घटना के बाद लगा था कि यह आंदोलन खत्म हो जाएगा, लेकिन एक बार फिर सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान जुटने लगे हैं।

इस बीच, पंजाब की एक पंचायत का अजीब फैसला सामने आया है। यहां भटिंडा के विर्क खुर्द ग्राम पंचायत ने फरमान जारी किया कि पंचायत के हर घर से एक शख्स को हफ्तेभर के लिए दिल्ली की बॉर्डर पर जाना होगा और आंदोलन में हिस्सा लेना होगा।

जिस घर से कोई नहीं जाता है तो उसे 1500 रुपए का अर्थदंड भरना होगा। जो यह राशि जमा नहीं करेगा, उसके समाज से बहिष्कार किया जाएगा। सरपंच मनजीत कौर की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला हुआ। बाद में इसकी जानकारी खुद मनजीत कौर ने दी।

वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का जुटना जारी है। आज किसान आंदोलन का 66वां दिन है। किसान अड़े हैं कि सरकार उनसे बात करे और तीन बिल वापस ले। वहीं अब तक राजनीति से अछूत रहा यह आंदोलन अब राजनेताओं का अड्डा बनता जा रहा है।

शुक्रवार को आरएलडी के जयंत चौधरी के साथ ही आम आदमी पार्टी के नेता आए थे। राहुल गांधी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसानों से कहा था कि वे एक इंच भी पीछे न हटे। कांग्रेस उनके साथ है।

हालांकि राहुल गांधी ने 26 जनवरी की हिंसा में घायल दिल्ली पुलिस के जवानों पर कुछ नहीं कहा। इसको लेकर स्मृति ईरानी ने राहुल पर निशाना भी साधा और आरोप लगाया कि राहुल किसानों को भड़का रहे हैं।

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