सुपौल जेल में बंद पप्पू यादव को पटना हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, जानें पूरा मामला

पटना. 32 साल पुराने केस में बिहार पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव (Pappu Yadav) के लिए बुरी खबर है. पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने पूर्व सांसद पप्पू यादव उर्फ राजेश रंजन की याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने के अनुरोध को दोबारा खारिज कर दिया है. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर जल्दी सुनवाई के लिए मेंशन किया गया था.

दरअसल मधेपुरा जिला से जुड़े अपहरण के 32 साल पुराने एक मामले में मिली पप्पू यादव की जमानत को निचली अदालत ने रद्द कर दिया था, साथ ही उनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट भी जारी किया था.

इस आदेश को उन्होंने पटना हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी. जन अधिकार पार्टी के प्रमुखु के वकील ने इस मामले में शीघ्र सुनवाई की फिर से प्रार्थना की थी जिसे कोर्ट ने फिर से खारिज करते हुए कोई राहत नहीं दी. मालूम हो कि पप्पू यादव गिरफ्तारी के बाद बिहार के सुपौल जिला स्थित एक जेल में बंद हैं.

पप्पू यादव की गिरफ्तारी को लेकर बिहार में सियासत जारी है. कोरोना संक्रमण के दौर में लोगों की सेवा करने के क्रम में 32 साल पुराने अपहरण के एक मामले में पप्पू यादव की गिरफ़्तारी के बाद अब उनकी पत्नी रंजीत रंजन सरकार को चुनौती देने के लिए पटना आ रही हैं. गुरुवार को रंजीत पटना आएंगी और पप्पू यादव की तर्ज पर ही लोगों के बीच जाएंगी.
रंजीत रंजन से कहा कि मैं पटना पहुंच रही हूं और जहां से पप्पू जी की सेवा रुकी थी, वहीं से फिर से उसे शुरू करूंगी. जो भी संकट में होगा, जिसे भी कोरोना के इस दौर में मदद की जरूरत होगी मैं और पप्पू जी के समर्थक उन्हें पूरी मदद करेंगे. अगर सरकार को लगता है कि ये गलत है तो जो भी कदम उठाना है उठाए, लेकिन मुझे कोई डर नहीं है. इस वक़्त पप्पू जी जैसे सेवा की जरूरत बिहार की जनता है.

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