हरियाणा में महज 10 फीसद बचे एक्टिव केस

चंडीगढ़। हरियाणा में कोरोना हारने की कगार पर पहुंच चुका है। प्रदेश में महज 10 फीसद एक्टिव मरीज ही बचे हैं, जबकि तकरीबन 90 फीसद मरीज कोरोना को मात देकर घर लौट चुके हैं। राहत की बात यह है कि कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या में इजाफा होने से संक्रमण की दर में 0.3 फीसद की गिरावट आई और दोगुने मामलों की अवधि 32 दिन पर पहुंच गई और रिकवरी रेट रिकार्ड स्तर 89.20 फीसद हो गया है। चिंता की बात यह है कि मृत्युदर में बढ़ोतरी हो रही है, 25 मौतों के साथ 0.1 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। कोरोना से मरने वाले पुरुषों के संख्या 1000 पहुंच गई है।
पिछले 24 घंटों में 1188 नए मामलों के साथ संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख 32 हजार 576 पर पहुंच गया है। 1542 मरीजों ने कोरोना को मात दी, जिससे ठीक होने वालों की संख्या बढ़कर एक लाख 18 हजार 258 हो गई है। अब मात्र 12 हजार 868 केस ही एक्टिव हैं। 290 मरीजों की हालत चिंताजनक बनी हुई है। इनमें 250 मरीजों की सांसें ऑक्सीजन के सहारे चल रही हैं तो 40 मरीज वेंटीलेटर पर जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं।
शनिवार को 21 जिलों में सबसे ज्यादा गुरुग्राम में 277, फरीदाबाद में 134, हिसार में 116, पंचकूला में 70, रेवाड़ी में 61, रोहतक में 58, सोनीपत में 55, कुरुक्षेत्र में 51, अंबाला में 50, सिरसा में 48, करनाल में 43, भिवानी में 39, झज्जर में 38, नारनौल में 36, यमुनानगर में 28, पानीपत में 26, पलवल में 23, जींद में 19, कैथल में 10, चरखी-दादरी में 4 तथा नूंह में 2 संक्रमित मिले।
इसके साथ ही गुरुग्राम में 257, फरीदाबाद में 198, रोहतक में 147, करनाल में 142, अंबाला व हिसार में 114-114, सोनीपत में 95, रेवाड़ी में 74, पंचकूला में 62, यमुनानगर में 60, सिरसा में 57, झज्जर में 54, कुरुक्षेत्र में 53, पलवल में 33, कैथल में 31, चरखी-दादरी में 29, भिवानी में 18 तथा नूंह में 4 मरीज ठीक होकर घर लौटे। पंचकूला, हिसार व जींद में 4-4, सिरसा व यमुनानगर में 3-3, अंबाला व रोहतक में 2-2 तथा गुरुग्राम, रेवाड़ी व पानीपत में 1-1 मरीज ने दम तोड़ा।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक संदिग्धों के सैंपल लेने का आंकड़ा 1999250 पर पहुंच गया है, जिसमें 1860408 की रिपोर्ट निगेटिव आई जबकि 6266 की रिपोर्ट का इंतजार है। प्रदेश में पॉजिटिव रेट भी 6.65 फीसद पर पहुंच गया है। रिकवरी रेट 89.20 फीसद है जबकि मामलों के दोगुने होने की अवधि 31 दिन पर पहुंच गई है। प्रत्येक 10 लाख पर जांच का आंकड़ा भी 78 हजार 866 पर पहुंच गया है। मृत्युदर 1.09 फीसद पर पहुंच गई है।

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