नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार 19 फरवरी से पहले होने की संभावना

बिहार सरकार (Bihar Government) में मंत्रिमंडल विस्‍तार का मामला वीरबल की खिचड़ी जैसा होता जा रहा है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के बाद जदयू नेता और मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के नेतृत्‍व में गठित सरकार के मंत्रिमंडल का विस्‍तार दो महीने बाद भी नहीं हो सका है।

विपक्षी दलों का कहना है कि भाजपा (BJP) और जदयू (JDU) के बीच कड़वाहट इतनी बढ़ गई है कि मंत्रिमंडल विस्‍तार के साथ ही यह सरकार गिर जाएगी।

पत्रकारों से बातचीत में भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष संजय जायसवाल (BJP State President Sanjay Jaisawal) ने प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्‍तार के लिए संभावित डेटलाइन बता दी है।

संजय जायसवाल ने शनिवार को कहा कि बिहार में मंत्रिमंडल का विस्‍तार बजट सत्र से पहले हो जाएगा। गौरतलब है कि बिहार विधानसभा का बजट सत्र 19 फरवरी से शुरू होने वाला है।

इसमें अभी करीब 12 दिन शेष बचे हैं। अगर भाजपा प्रदेश अध्‍यक्ष के बयान पर गौर करें तो अभी बिहार मंत्रिमंडल विस्‍तार में हफ्ते भर की देर हो सकती है।

बिहार में मंत्रिमंडल विस्‍तार का मसला इस बार काफी उलझता रहा है। कई बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्‍यमंत्री तार किशोर प्रसाद सहित बीजेपी के प्रदेश अध्‍यक्ष संजय जायसवाल भी अलग-अलग बयान देते रहे हैं।

मुख्‍यमंत्री ने एक बार कहा था कि इस बारे में बीजेपी से पूछना चाहिए।

बिहार में मंत्रिमंडल विस्‍तार के मुद्दे पर बीजेपी के शीर्ष नेता कई बार दिल्‍ली में बैठकें कर चुके हैं।

बताया जा रहा है कि मंत्री पद के लिए संभावित नामों पर एकराय बनने में देरी से मामला टल रहा है। मंत्रिमंडल के लिए प्रस्‍तावित कुछ नामों पर खुद बीजेपी के अंदर तो कुछ नामों पर सहयोगी पार्टी की ओर से सहमति को लेकर मामला टलता रहा है।

भाजपा इस बार बिहार सरकार में नए चेहरों को तरजीह दे रही है। बिहार भाजपा के बड़े नेता सुशील कुमार मोदी को पार्टी ने राज्‍यसभा में भेज दिया है।

वहीं पिछली सरकार में महत्‍वपूर्ण जिम्‍मेदारियां निभा चुके नंद किशोर यादव और प्रेम कुमार जैसे नेताओं को पार्टी इस बार संगठन में ही काम देने की सोच रही है। इसके चलते पार्टी में संतुलन बनाना खुद बीजेपी के लिए भी चुनौती है।

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