New Guildline : अब बिना रजिस्ट्रेशन के मिठाई की दुकान खोलने पर होगी सील, मिठाई की तिथि भी लिखनी होगी जरूरी…

एक अक्टूबर से खाद्य सामग्री बेचने के लिए जरूरी होगा लाइसेंस। रसमलाई, बादाम दूध, रसगुल्ला जैसी मिठाई 2 दिन में खत्म करने होगी। किसी भी खाद्य सामग्री को बेचने के लिए अब लाइसेंस जरूरी होगा। केंद्र सरकार द्वारा नई गाइडलाइन के बाद अब कोई भी मिठाई विक्रेता बिना लाइसेंस के दुकान नहीं चला पाएगा। वर्तमान में नगर में 100 से अधिक मिठाई की दुकान हैं, लेकिन लाइसेंस मात्र 50 पर ही है। ज्ञात रहे कि केंद्र सरकार के नियम के अनुसार 1 अक्टूबर 2020 से मिठाई की दुकान पर अब शोकेश में रखी मिठाई की ट्रे पर मैन्युफैक्चरिंग और बेस्ट बिफोर डेट लिखना होगा, इसके लिए फूड सेफ्टी विभाग दुकानदारों को जागरूक करने के लिए जल्द ही अभियान भी चलाएगा।

अब लिखित में होगी हर जानकारी: अक्सर आप जब मिठाई खरीदने जाते हैं तो दुकानदार आपको लड्डू, बर्फी और रसमलाई बिलकुल ताजा बताते हैं, लेकिन आप हमेशा मिठाई के ताजा होने को शक की निगाह से ही देखते हैं, मिठाई भले काफी आकर्षक दिखती है लेकिन इसके खराब होने का दिन कभी नहीं पता रहता। लेकिन अब आपको मिठाई के खबर ओर बासी होने की चिंता नहीं करनी होगी। केंद्र सरकार अब एक नया कानून लेकर आई है जिसका पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी, यानी अब दुकानदार बिना लाइसेंस के लिए दुकान नहीं चला पाएंगे जांच के दौरान लाइसेंस ना मिलने पर उनकी दुकान सील कर दी जाएगी।

किसी भी मिठाई को दो दिन में खत्म करने में होगी समस्या
ज्ञात रहे कि पारंपरिक भारतीय मिठाइयों में से केवल 5-10 प्रतिशत ही पैक की जाती हैं और अधिकांश बिना पैक किए ही बेची जाती हैं। किसी भी मिठाई की दुकान में कम से कम 50 से ज्यादा मिठाई की वैरायटी होती है, जो अलग-अलग तरह की सामग्री से बनाई जाती हैं तो इन नियमों को पूरी तरह से ध्यान में रखकर काम करना बेहद मुश्किल होगा।

ग्राहक इन मुद्दों पर अनावश्यक शिकायत भी करेगा। वही 2 दिन में किसी भी मिठाई के भंडार को खत्म करने में दिक्कतें आएंगी खासतौर पर त्योहारों पर जब बड़ी मात्रा में मिठाई बनाई जाती है उस समय यह दिक्कत और भी बढ़ जाएगी, जिससे दुकानदारों को नुकसान होगा।

नई गाइड के अनुसार पारंपरिक भारतीय मिठाई की दुकानों को एक अक्टूबर से अपने काउंटर पर रखी खुली मिठाइयों की एक्सपायरी डेट भी लिखनी होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने अपने नए नोट इसमें इस बात की जानकारी दी है।

रिपोर्टर – रवि चौहान

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