उत्तर प्रदेश में फिर छिड़ा मूर्ति विवाद, मायावती ने कहा मूर्ति की सफाई को कुछ मीडिया गलत तरीके से दर्शा रहे हैं

 

यूपी में फिर एक बार से मूर्ति पर सियासत होने लगी है। जी हां बीजेपी अयोध्या में राम मंदिर की मूर्ति लगवाने वाली है तो वही उसकी काट में सपा ने परशुराम की मूर्ति लगवाने का ऐलान किया था जिसके बाद बीएसपी ने दावा किया था कि वह सत्ता में आई तो वह परशुराम की और भव्य मूर्ति लगवाएंगे।

ऐसे में अब बहुजन समाज प्रेरणा केंद्र में लगी मायावती की मूर्ति को लेकर विवाद हो गया है। जिसके बाद मायावती ने सफाई भी दी है कि है कोई नई मूर्ति नहीं है। बता दें कि लखनऊ स्थित बहुजन समाज प्रेरणा केंद्र में मायावती की मूर्तियां लगाई गई हैं। एक खबर के अनुसार बताया जा रहा है कि यह जगह गैर सरकारी है और फिलहाल पार्टी के पास है। जहां पर साफ सफाई का काम चल रहा है। मायावती की पहले से ही लगी मूर्तियों को साफ कर एक बार फिर से लगवाया गया है कोई भी नई मूर्ति लगाने की बात बिल्कुल गलत है।

बता दे कि बीएसपी सुप्रीमो ने भी बहुजन समाज प्रेरणा केंद्र लखनऊ में उनकी प्रतिमा लगाने से संबंधित खबर पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इसे गलत तरीके से दर्शाया गया है। मायावती ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि जैसाकि सर्वविदित है कि अपने देश में सरकारी, गैर-सरकारी व सार्वजनिक स्थानों/स्थलों पर जो मूर्तियाँ आदि लगी होती हैं उनकी साफ-सफाई, मरम्मत व रख-रखाव पर पूरा ध्यान नहीं दिया जाता है, जिनकी स्थिति फिर धीरे-धीरे काफी खराब हो जाती है जिसे जनता कतई पसन्द नहीं करती है।

इसके बाद उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा है कि जबकि, बी.एस.पी इस मामले में अपनी सरकार में सरकारी स्थानों/स्थलों पर ही नहीं बल्कि अपने प्राइवेट घरों/स्थानों पर भी लगी मूर्तियों व फव्वारों आदि की साफ-सफाई, मरम्मत व रख-रखव आदि पर भी हमेशा विशेष ध्यान देती है, जो कि जग-जाहिर है।

इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया है इसमें उन्होंने लिखा है कि इसी क्रम में प्राइवेट व गैर-सरकारी लखनऊ प्रेरणा केन्द्र में जो यह सब कार्य चल रहा है, जिसे कुछ मीडिया गलत तरीके से दर्शा रहे हैं, उन्हें अपनी जातिवादी मानसिकता में जरूर कुछ बदलाव लाना चाहिए तो यह बेहतर होगा।

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