Mathura : लेफ्टिनेंट जनरल करियप्पा ने दी शहीदों को श्रद्धाजंलि

 

मथुरा: 15 जनवरी सेना दिवस के अवसर पर शुक्रवार को लेफ्टीनेन्ट जनरल सी. पी. करियप्पा ने राष्ट्रीय सुरक्षा और सम्मान के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी भारतीय सैनिकों को मथुरा छावनी में श्रद्धांजलि अर्पित की।

दो मिनट का मौन रखकर दी गई श्रद्धांजलि


स्ट्राइक वन के प्रवक्ता कर्नल बी के अत्री ने बताया कि 73वें सेना दिवस के अवसर पर जनरल आफिसर ने स्थित युद्ध स्मारक में माल्यार्पण किया तथा पारंपरिक सैन्य बिगुल काल ’’द लास्ट पोस्ट’’ के साथ भारतीय सेना के उन सभी शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी जिन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा एवं सम्मान के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।

रिटायर्ड सैनिकों का लिया हालचाल 


उन्होंने बताया कि समारोह के बाद जनरल आफिसर कमांडिग स्ट्राइक वन ने मथुरा के सेवा निवृत्त सैनिकों से बातचीत कर उनका न केवल कुशलक्षेम पूछा बल्कि यदि किसी की समस्या थी तो उसके निदान के भी आदेश दिए।

इतने साल पहले हुई थी भारतीय सेना की स्थापना


कर्नल अत्री के अनुसार भारतीय सेना की स्थापना लगभग 125 वर्ष पहले एक अप्रैल 1895 को अंग्रेजो द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी के अंतर्गत की गयी थी,जिसे उस समय ब्रिटिश भारतीय सेना के नाम से जाना जाता था। भारत ने 15 अगस्त 1947 को जब स्वतंत्रता प्राप्त की , उस समय भारतीय सेना की कमान ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसिस बुचर के हाथों में थी।

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के एम करियप्पा थे पहले चीफ 

सेना का पूर्ण नियंत्रण सौंपने का सही समय देखकर उन्होने ब्रिटिश भारतीय सेना की कमान फील्ड मार्शल, तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल के एम करियप्पा को साैंप दी और जनरल के एम करियप्पा स्वतंत्र भारत के प्रथम कमांडर इन चीफ आफ आर्मी बने।


ब्रिटिश शासन द्वारा भारत को भारतीय सेना का हस्तांतरण भारतीय इतिहास का एक प्रमुख अध्याय माना जाता है । इस प्रकार से कमांडर के रुप में भारतीय सेना का पदभार संभालने के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है।

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