वृद्धि के विरोध में ममता ने की इलेक्ट्रिक स्कूटर की सवारी

पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में हो रही वृद्धि के विरोध में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने गुरुवार को अपने आवास से राज्य सचिवालय ‘नाबन्ना’ जाने के लिए एक इलेक्ट्रिक स्कूटर की पिछली सीट पर सवारी की। बनर्जी को इलेक्ट्रिक स्कूटर पर ले जाने वाले उनके ही मंत्रिमंडल के सदस्य और शहर के मेयर फिरहाद हकीम थे। दक्षिण कोलकाता स्थित कालीघाट में सुश्री बनर्जी के आवास से पास के हावड़ा स्थित नाबन्ना करीब 8.6 किलोमीटर दूर है। वह प्राय: एंबेसडर कार से ही अपने कार्यालय जाती हैं।

मुख्यमंत्री ने नाबन्ना में उनका इंतजार कर रहे संवाददाताओं से कहा, “ तृणमूल कांग्रेस ईंधन मूल्य वृद्धि का विरोध लगातार करती रहेगी। परोपकार घर से आरंभ होता है। इसलिए मैंने यह यात्रा की। मैं सचिवालय के गेट के बाहर से बोल रही हूं क्योंकि मैं एक राजनीतिक बयान दे रही हूं।” बनर्जी ने कहा,“ जिस तरह से पेट्रोल, डीजल और गैस की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, वह भयावह है। गैस सिलेंडर की कीमत अब 800 रुपये प्रति यूनिट है। मिट्टी का तेल अनुपलब्ध है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी को इस वृद्धि के जरिये ‘लूटा’ जा रहा है। उन्होंने पूछा,“ मोदी सरकार के सत्ता में आने पर क्या कीमतें थीं? अब कीमतें क्या हैं? ”

उन्होंने कहा कि पहले डीजल की कीमतें कम रखी जाती थीं क्योंकि किसानों को इसका इस्तेमाल ट्रैक्टर और पानी के पम्प चलाने के लिए करना होता था। अब किसानों की भी कोई परवाह नहीं है।

बनर्जी ने अहमदाबाद में मोटेरा स्टेडियम का नाम बदलने और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा,“ किसी को पता है, वह किसी दिन देश का नाम भी बदल सकते हैं। ”

विधानसभा चुनाव वाले पश्चिम बंगाल में सुश्री बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने ईंधन की कीमतों में वृद्धि को चुनावी मुद्दा बनाया है। ममता सरकार ने 22 फरवरी की मध्य रात्रि से डीजल और पेट्रोल पर राज्य के बिक्री कर में एक रुपये की गिरावट की है। राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि यह कदम ईंधन की कीमतों के बोझ से दबे लोगों को राहत प्रदान करेगा।

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