महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे की सरकार में फिर से खींचतान! नाराज़ हुए कांग्रेस के नेता

बई. महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Govt.) में भले ही ऊपरी तौर पर ‘ऑल इज वेल’ नजर आ रहा हो, लेकिन अंदर ही अंदर तीनों दलों में तलवारें खींची हैं. तीन दलों की इस महाविकास आघाडी सरकार में एक बार फिर खींचतान नजर आ रही है. इस बार लॉकडाउन विवाद की वजह बन रहा है. राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता विजय वड्डेटीवार के राज्य के अनलॉक होने की घोषणा के कुछ ही देर बाद राज्य सरकार के जनसंपर्क विभाग ने एक बयान जारी कर रहा कि अभी तक इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है.

विजय वड्डेटीवार की इस घोषणा और फिर सरकार के यू-टर्न से साफ हो गया है कि राज्य सरकार में ‘ऑल इज नॉट वेल’ है. दरअसल, पिछले 10 दिनों में यह तीसरी बार है जब कांग्रेस सरकार में अन्य दो सहयोगी पार्टी शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से अलग-थलग नजर आ रही है. विजय वडेट्टीवार की घोषणा के बाद सरकार की तरह से इस निर्णय को ‘ओवर पॉवर’ करने की वजह से कांग्रेस की काफी किरकिरी हो रही है. विजय वडेट्टीवार की घोषणा और सरकार के अनलॉक की प्रकिया पर उनके ठीक उलट बयान को श्रेयवाद से जोड़कर देखा जा रहा है. कैबिनेट में चर्चा के ठीक बाद अनलॉक पर परस्पर विरोधी बयानों की वजह से माना जा रहा है कि इसके बाद महाविकास आघाडी सरकार में दरार और बढ़ सकती है. हालांकि, एक दिन बाद विजय वडेट्टीवार ने नागपुर में कहा है कि यह कोई ‘क्रेडिट’ लेने का विवाद नहीं है. सार्वजनिक मंच पर दी इस प्रतिक्रिया के ठीक उलट कांग्रेस के भीतर विरोध के स्वर एक बार फिर मुखर होने के संकेत है. माना जा रहा है कि इसके बाद महाविकास आघाडी सरकार में दरार और बढ़ सकती है.

कांग्रेस का प्रमोशन में आरक्षण और नानार रिफाईनरी प्रोजेक्ट के मुद्दे पर पहले से ही महाविकास आघाडी सरकार से अलग स्टैंड है. अब अनलॉक पर सरकार के यू-टर्न ने कांग्रेस बनाम सरकार विवाद को और हवा दे दी है.

प्रमोशन में आरक्षण पर खींचीं तलवारेंराज्य सरकार ने सात मई को प्रमोशन में आरक्षण को खत्म कर दिया था. सरकार के इस फैसले पर भी कांग्रेस एकमत नहीं है. खासतौर पर राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत इस मुद्दे पर आक्रमक तेवर अपनाए हुए हैं. उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार को प्रमोशन में आरक्षण को खत्म करने का आदेश तुरंत निरस्त करना चाहिए. राज्य सरकार ने मार्च 2021 में प्रमोशन में 33 प्रतिशत आरक्षण का आदेश जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण को अवैध ठहराने के आदेश के दो दिन बाद राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने सात मई को एक अंतरिम सरकारी प्रस्ताव या आदेश जारी कर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विमुक्त जाति, घुमंतू जनजाति और विशेष पिछड़ा वर्ग श्रेणी के सरकारी नौकरशाहों की पदोन्नति में आरक्षण हटा दिया था.

नानार पर भी रार

प्रमोशन में आरक्षण के मुद्दे का विवाद निपटा ही नहीं है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने नानार रिफाईनरी का मुद्दा भी छेड़ दिया है. रत्नागिरी जिले में ताऊते चक्रवात से हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचे नाना पटोले ने ऑइल रिफाइनरी पर काम आगे बढ़ाने की सलाह दी है

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