जाने क्यों DM-SP कार्यालय में परिजनों ने की आत्मदाह करने की कोशिश, क्या है पूरा मामला

न्याय के साथ विकास की गाथा गाने वाले बिहार के सुशासन बाबू की सरकार में ना तो जल्दी न्याय मिल रहा है और ना ही गुणवत्तापूर्ण विकास दिखता है. हम ऐसा इस लिए कह रहे हैं क्योंकि सुशासन बाबू के सरकार में न्याय की उम्मीद लगाये 4 चार महीने बीत जाने के बाद दर दर ठोकरे खाने के बाद भी एक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल पाया हैं।जिससे निराश और हताश होकर पीड़ित परिवार जिले के DM-SP कार्यालय के सामने ही आत्मदाह करने को विवश हो गया हैं। दरअसल यह मामला सिवान जिले से है जहां बड़हरिया थाना के पुरैना गाँव के रहने वाले अनिल मिश्रा के 17 वर्षीय पुत्र अभिषेक मिश्रा 25 जुलाई से ही गायब है। जिसके बाद परिजनों ने गाँव के ही 3 लोगों के खिलाफ थाने में अपहरण का मामला दर्ज करवाया । लेकिन 4 महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस के तरफ से ना ही कोई कारवाई हुई और ना ही उनका लाल घर लौट कर आया। परिजनों ने न्याय के लिए दर दर की ठोकरे खाई लेकिन उनकी बात को छोटे से लेकर जिले के बड़े आला अफसरों ने नहीं सुनी। जिसके बाद से निराश-हताश होकर सिवान के DM-SP कार्यालय के सामने सपरिवार शरीर पर किरोशिन तेल छिडक कर आत्मदाह करने पहुंचे। जहां मौजूद सुरक्षा बलों ने बीच बचाव कर किसी तरह बचा लिया।

 

परिजनों का आरोप है कि 4 महीना बित जाने के बाद भी पुलिस हाथ धरे बैठी हुई है,थाना से लेकर DSP और SP तक कई बार गुहार लगाने के बाद भी किसी भी प्रकार की कोई करवाई नहीं हुई है। नामजद आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं और कई प्रकार की धमकी भी दे रहे हैं।अगर पुलिस उनके बेटे को बरामद कर आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं करती है तो पूरा परिवार अपनी जान दे देगा।

अब सवाल है कि क्या यही सुशासन है? जिसमे एक अपहरण के मामले में 4 महीना बीत जाने के बाद भी कोई कारवाई नहीं हो रही है? क्या यही न्याय के साथ विकास हैं?, आखिर क्यों अभी तक कोई करवाई नहीं हुई है?, अगर परिजन आत्मदाह कर लेते तो इसका जिम्मेदार कौन होता?

रिपोर्टर – सोमेश कुमार

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