आज रिलायंस परिवार के लिए सबसे बड़ा दिन, जानिए धीरू भाई के संघर्ष की दास्तां

28 दिसंबर यानी आज का दिन अंबानी परिवार के लिए बेहद ख़ास है क्योंकि आज धीरूभाई अंबानी का जन्मदिन है | धीरूभाई अंबानी का जन्म 28 दिसंबर 2019 को हुआ था | वह गुजरात के चोरवाड़ गांव के रहने वाले थे | उनका पूरा नाम धीरजलाल हीराचंद अंबानी था | धीरूभाई अंबानी के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, जिसके बाद उन्होंने हाईस्कूल की पढ़ाई खत्म करने के बाद काम करना शुरू कर दिया था | लेकिन इससे परिवार का काम नहीं चल पाता था |

आप सभी ने सुना होगा की धीरू भाई अंबानी पेट्रोल पम्प पर काम किया करते थे | आज हम आपको बताते हैं कि उन्होंने ये काम कब शुरू किया था | जब धीरू भाई अंबानी 17 साल के थे तब वे पैसे कमाने के लिए अपने भाई रमणिकलाल के पास यमन गए थे | जहां उन्हें एक पेट्रोल पंप पर 300 रुपये प्रति माह सैलरी की नौकरी मिल गई थी | कंपनी का नाम था ‘ए. बेस्सी एंड कंपनी’ | इस कंपनी में रहकर धीरूभाई अंबानी ने खूब मेहनत की थी | जिसके बाद कंपनी ने धीरूभाई के काम को देखते हुए उन्हें फिलिंग स्टेशन में मैनेजर बना था |

लेकिन कुछ समय बाद धीरूभाई अंबानी वापस भारत आ गए थे | बताया जाता है कि यमन में रहते हुए ही धीरूभाई ने बड़ा आदमी बनने का सपना देखा था | इसलिए घर लौटने के बाद 500 रुपये लेकर मुंबई के लिए रवाना हो गए | जिसके बाद धीरूभाई पीछे मुड़कर नहीं देखा | उन्होंने बिज़नेस में ही अपने कदम रखे और आगे बढ़ते गए |

बताया जाता है कि अपने ऑफिस के लिए धीरूभाई ने 350 वर्ग फुट का कमरा, एक मेज, तीन कुर्सी, दो सहयोगी और एक टेलिफोन के साथ शुरुआत की थी | वहीँ दुनिया के सबसे सफलतम लोगों में से एक धीरूभाई अंबानी की दिनचर्या तय भी होती थी | वह कभी भी 10 घंटे से ज्यादा काम नहीं करते थे | 2000 के दौरान ही अंबानी देश के सबसे अमीर व्‍यक्ति बन गए थे |

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