कर्नाटक: येडियुरप्पा को आलाकमान के फैसले का अब भी इंतज़ार? CM की रेस में हैं ये नेता

नई दिल्ली. कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस लगातार बरकरार है. मौजूदा मुख्‍यमंत्री बीएस येडियुरप्‍पा  अपनी कुर्सी पर बने रहेंगे या फिर उनकी छुट्टी होगी इसको लेकर तरह-तरह कयास लगाए जा रहे हैं. माना जा रहा था कि दिल्ली में बैठे बीजेपी के नेता राज्य में नए सीएम का ऐलान 25 जुलाई को कर देंगे. लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हुआ है. इस बीच मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्‍पा ने रविवार को कहा कि वो इस पद पर बने रहेंगे या नहीं, कल तक पता चल जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि वो अगले 10 से 15 साल तक भारतीय जनता पार्टी के लिए काम करते रहेंगे.

माना जा रहा है कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री को लेकर कुछ नामों की लिस्ट तैयार की है. कहा जा रहा है कि राज्य के अगले सीएम का ऐलान 2023 में होने वाले विधान सभा चुनाव को देखते हुए किया जाएगा. हालांकि पार्टी के लिए येडियुरप्‍पा को साइड लाइन करना मुश्किल चुनौती होगी. आईए एक नज़र डालते हैं उन नामों पर जो इस वक्त राज्य के नए मुख्यमंत्री बनने की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं.

कहा जा रहा है कि कर्नाटक के मौजूदा खनन और भूविज्ञान मंत्री मुरुएश आर निरानी मुख्यमंत्री की रेस में काफी आगे चल रहे हैं. हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि वो येडियुरप्‍पा की जगह लेने के लिए अपनी पैरवी कर रहे हैं. करीब 15 दिन पहले वो दिल्ली के दौरे पर आए थे. अपनी यात्रा को ‘सफल’ करार देने वाले निरानी ने येडियुरप्‍पा को अपना समर्थन देने की बात कही थी. हाल ही वो वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर भी गए थे. अटकलें लगाईं कि वो नई भूमिका संभालने से पहले आशीर्वाद लेने गए हैं. तीन बार भाजपा विधायक रहे निरानी एक उद्योगपति हैं. वो चीनी मिलों को चलाने वाले एमआरएन ग्रुप के मालिक हैं.

बासवराज बोम्मई
खबरों के मुताबिक अगर सीएम पद के लिए येडियुरप्‍पा को अपने किसी उत्तराधिकारी का नाम सुझाने के लिए कहा जाएगा तो वो 61 वर्षीय बासवराज बोम्मई का नाम लेंगे. वो फिलहाल राज्य के गृह मंत्री हैं. हालांकि बोम्मई ने इन अटकलों का खंडन किया और कहा कि कुछ भी आधिकारिक नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मैं किसी भी अटकलबाजी के सवाल का जवाब नहीं देना चाहता.’ इस साल मई के महीने में बोम्मई ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. जिसके बाद से नेतृत्व में बदलाव को लेकर अफवाह फैल गई.

बासनगौड़ा पाटिल यतनाल
कहा जा रहा है कि बसनगौड़ा पाटिल यतनाल की आरएसएस से करीबी रिश्ते हैं. साथ ही केंद्रीय मंत्री के रूप में उनके अनुभव से भी उन्हें फायदा हो सकता है. कहा जा रहा है कि उत्तरी कर्नाटक में वो बेहद लोकप्रिय हैं. इस साल की शुरुआत में पंचमसाली लिंगायतों द्वारा पिछड़ी जाति समूह के लिए आरक्षण की मांग के आंदोलन में वो सबसे आगे थे. ये भी कहा जा रहा है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद चुना था.

अरविंद बेलाड़
कर्नाटक के भाजपा विधायक अरविंद बेलाड़ उस गुट से आते हैं जो मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्‍पा को हटाने की मांग कर रहे हैं. हुबली-धारवाड़ पश्चिम के विधायक अरविंद ने जून में आरोप लगाया था कि उनका फोन टैप किया जा रहा है और उन्हें बदनाम करने के लिए साजिश रची जा रही है. बेलाड़ ने हाल ही में राष्ट्रीय नेताओं से मिलने और येडियुरप्‍पा की कार्यप्रणाली पर कुछ विधायकों की चिंता व्यक्त की थी.

प्रह्लाद जोशी
58 साल के केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी एक अनुभवी नेता है. वो 2004 से संसद में धारवाड़ का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. सीएम बनने की अटकलों को लेकर उन्होंने पिछले दिनों कहा था, ‘किसी ने भी मुझसे इस बारे में बात नहीं की है. ये सिर्फ मीडिया है, जो इसकी चर्चा कर रहा है. चूंकि किसी ने मुझसे बात नहीं की है, इसलिए इस पर प्रतिक्रिया देने की कोई जरूरत नहीं है.’

बीएल संतोष

बीएल संतोष बीजेपी के पुकाने धुरंधर नेता हैं. वो भाजपा के राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव हैं. भाजपा के साथ उनका जुड़ाव 1993 से है, जब उन्होंने आरएसएस के प्रचारक के रूप में शुरुआत की थी. 2006 में, वो कर्नाटक महासचिव के रूप में भाजपा में चले गए.

सीटी रवि
चिकमगलूर निर्वाचन क्षेत्र से चार बार के विधायक सीटी रवि भी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव हैं. 54 वर्षीय रवि 26 सितंबर, 2020 को राष्ट्रीय महासचिव बनने से पहले राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री थे.

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