ट्विटर के MD को बड़ी राहत:कर्नाटक हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

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कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में पुलिस ने मनीष माहेश्वरी की संलिप्तता सिद्ध करने के लिए ठोस सबूत नहीं जुटाए हैं। -फाइल फोटो

ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष माहेश्वरी को कर्नाटक हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस के उस नोटिस को खारिज कर दिया है, जिसमें ट्विटर के MD को बयान के लिए हाजिर होने के लिए कहा गया था। नोटिस खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि बयान वर्चुअली दर्ज किए जाएं।

गाजियाबाद की लोनी बॉर्डर पुलिस ने मनीष माहेश्वरी को ट्विटर पर सांप्रदायिक वीडिया पोस्ट होने के संबंध ने नोटिस जारी किया था। सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हुआ वीडियो एक बुजुर्ग मुस्लिम पर हमले से संबंधित था। नोटिस में उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा गया था। अदालत ने कहा कि इस मामले में पुलिस ने माहेश्वरी की मामले में संलिप्तता दिखाने के लिए ठोस सबूत नहीं जुटाए हैं।

सुनवाई के दौरान जस्टिस जी नरेंद्र ने कहा कि ट्विटर के MD से जो जानकारी मांगी गई है, उसमें से ज्यादातर पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है। कोर्ट के सामने जो रिकॉर्ड पेश किए गए हैं, उससे ट्विटर इंडिया के एक अलग संस्था होने का पता चलता है। कोर्ट में लगाई गई याचिका में माहेश्वरी ने कहा था कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर सर्कुलेट हो रहे वीडियो का उनसे कोई लेना-देना नहीं है। वह सिर्फ कंपनी के एक कर्मचारी हैं।

MD का दावा- ट्विटर इंक से कोई लेना-देना नहीं
इससे पहले ट्विटर इंडिया के MD मनीष माहेश्वरी ने 22 जुलाई को कर्नाटक हाईकोर्ट में दावा किया कि ट्विटर इंडिया स्वतंत्र ईकाई है। इसका मूल कंपनी ट्विटर इंक से कोई लेना-देना नहीं है।

UP पुलिस के वकील ने कहा था- नतीजे भुगतने होंगे
गाजियाबाद पुलिस के वकील पी प्रसन्ना ने कहा था कि ट्विटर इंक ने कहा है कि वे नहीं जानते ट्विटर इंडिया कौन है? मेरा मानना है कि कंपनी के 99% शेयर ट्विटर इंक के पास हैं। याचिकाकर्ता के सभी सहयोगी केंद्र सरकार की एजेंसियों के सामने ट्विटर इंडिया और ट्विटर इंक का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं।

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