24 हजार क्विंटल धान का फर्जीवाड़ा:घीड़ मंडी सुपरवाइजर समेत 31 पर मामला दर्ज,

28 आढ़तियों के लाइसेंस रद्द; 9 राइस मिलों पर भी कार्रवाई के आदेश

करनाल की घीड़ अनाजमंडी में 24 हजार क्विंटल धान की सरकारी खरीद के गड़बड़ी के मामले में मंडी सुपरवाइजर धीरज कुमार, ऑक्शन रिकार्डर धर्मवीर सिंह, कम्प्यूटर ऑपरेटर दीपक व अंकुश तथा 28 मंडी आढ़तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इसके अलावा इन आढ़तियों के लाइसेंस भी रद्द कर दिए गए हैं। 18 अन्य आढ़तियों का स्टॉक कम पाए जाने पर डीएफएससी व डीएम हैफेड द्वारा संबंधित आढ़तियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

मंडी में 28 आढ़तियों के नाम रिकार्ड में तो मेंशन है, लेकिन फिजिकल तौर पर वहां कोई आढ़ती नहीं मिला है। इसलिए उक्त सभी कर्मचारियों तथा मंडी आढ़तियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करवाई गई तथा 28 आढ़तियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। इसी मामले से जुड़े 9 अन्य राइस मिलों की जांच डीएफएससी व डीएम हैफेड द्वारा की गई, जिसमें धान खरीद प्रक्रिया में उल्लंघना पाई गई है। इन राइस मिलों के खिलाफ भी आवश्यक कार्रवाई अमल में लाने के निर्देश दिए गए हैं।

एसडीएम को नियमित चेकिंग के आदेश
उपायुक्त ने एसडीएम इंद्री को निर्देश दिए कि वे निजी तौर पर घीड़ मंडी की समय-समय पर चेकिंग करते रहे। इसके अलावा ग्राम सचिव व कुंजपुरा मंडी के सचिव को निर्देश दिए कि वे मंडी में 24 घंटे तैनात रहेंगे और इस प्रकार की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेंगे।

डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि घीड़ अनाजमंडी में बाहर से धान खरीद को लेकर एक मामला संज्ञान में आया था। जिसकी तुरंत प्रभाव से जांच करवाई गई और जांच में पाया गया कि कम्प्यूटर आपरेटर दीपक व अंशुल तथा मंडी सुपरवाइजर धीरज कुमार व आक्शन रिकार्डर धर्मवीर की मिलीभगत से गलत ढंग से गेट पास काटे गए हैं।

ऐसे चल रहा खेल
घीड़ मंडी में धान की आमद के बिना ही गेट पास काटे जाते हैं। इसके एवज में 30 रुपए प्रति क्विंटल से लेकर 100 रुपए तक वसूले जाते हैं। इस तरह गेट पास तो कट जाते हैं लेकिन धान की फसल मंडी में नहीं आती। सरकारी पोर्टल पर ऐसे किसानों, जिनके नाम पर धान खड़ा होता है, उनके नाम से गेट पास कटवा लिए जाते हैं। फर्जी धान की एवज से सरकार से पैसा वसूल लिया जाता है। इसके बाद बाहरी राज्यों से घटिया चावल लाकर सरकारी कोटे में जमा करवा दिया जाता है। इस पूरे खेल में कई राइस मिलर्स अपने आढ़तियों के साथ मिलकर मोटा मुनाफा कमाते हैं
करनाल की घीड़ अनाजमंडी।

फर्जीवाड़ा सामने आने से विभागीय अधिकारी सकते में
खरीद प्रक्रिया में सख्ती के बाद भी 24 हजार क्विंटल धान का फर्जीवाड़ा सामने आने से विभागीय अधिकारी भी सकते हैं। ऐसे मामले अन्य मंडियों में तो नहीं चले, इसके लिए सभी मंडियों के बारे में अन्य लोगों से भी फीड बैक लेकर रिपोर्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू की है।

करनाल की मंडियों में कोटा पूरा करने की जद्दोजहद
CA विनय सिंह के दौरे के साथ मंडी अधिकारियों पर की जा रही कार्रवाई को देखते हुए करनाल की मंडियों में हड़कंप मचा हुआ है। इस कारण सरकार ने राइस मिलों को जो निर्धारित कोटा दिया है, उसे पूरा करने के लिए राइस मिलर्स में प्रतिस्पर्धा दिख रही है।

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