अयोध्या के प्रमुख चौराहे का नाम लता मंगेशकर के नाम पर रखे जाने का विरोध कर रहा संत समाज, जानें क्यों..

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अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लता मंगेशकर के निधन के बाद घोषणा की थी कि लता मंगेशकर की स्मृति में अयोध्या के प्रमुख चौराहे का नाम रहेगा जिसके लिए अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी ने काम भी शुरू कर दिया है।

अयोध्या के सरयू तट के करीब सुर कोकिला लता मंगेशकर चौराहे के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। इसके डिजाइन के लिए ग्लोबल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसमें देश के विभिन्न राज्य जैसे यूपी, महाराष्ट्र और गुजरात सहित कई जगहों के 56 आर्किटेक्ट और कलाकारों ने हिस्सा लिया था। ऑनलाइन हुई इस प्रतियोगिता में टॉप 5 लोगों का चयन कर सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने प्रस्तुत किया गया। जिसमें एक डिजाइन को सेलेक्ट कर लिया गया है। अब इसके निर्माण को दिपावली के पहले पूरा कर लेने की योजना है।

वहीं अब संत समाज अयोध्या के प्रमुख चौराहे का नाम लता मंगेशकर के नाम पर रखे जाने का विरोध कर रहे है और आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के आवास मणिराम दास छावनी पर अयोध्या के प्रमुख मंदिरों के महंतों ने महंत कमलनयन दास के नेतृत्व में बैठक की जिसमें यह तय किया गया कि नया घाट में स्वर्गीय लता मंगेशकर के स्मृति में बनाए जा रहे चौराहे का विरोध किया जाएगा। उस चौराहे का नाम रामानंद संप्रदाय के प्रमुख आचार्य जगद्गुरु रामानंदाचार्य के नाम पर रखे जाने की मांग की है।

संत समाज ने कहा कि हम अयोध्या के प्रमुख चौराहे पर लता मंगेशकर का नाम नहीं पड़ने देंगे, इसका विरोध करेंगे। उन्होंने यह भी कहा है ‘लता मंगेशकर आदरणीय हैं उनके नाम पर कहीं और चौराहा बनाया जाए। लेकिन राम नगरी अयोध्या में वैष्णो रामानंदाचार्य संप्रदाय के लोगों की नगरी है और ऐसे में हमारे जगतगुरु रामानंदाचार्य जी के नाम पर ही चौराहे का निर्माण किया जाए’। संत समाज ने हर तरीके से आंदोलन की चेतावनी देते हुए लिखित शिकायत पत्र प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेजने की बात कही है और आंदोलन की चेतावनी दी है।

मंगल भवन पीठाधीश्वर राम भूषण दास कृपालु जी महाराज ने कहा कि, ‘अयोध्या में लता मंगेशकर के नाम पर चौराहा बनाया जा रहा है जिसके विरोध में संतों ने बैठक की है। संतों ने मांग रक्खी है कि जगद्गुरु रामानंदाचार्य जी के नाम पर चौराहे का निर्माण हो।’ कृपालु जी ने कहा कि स्वर्गीय लता मंगेशकर सम्मानीय है आदरणीय है इसमें कहीं कोई संदेह नहीं है लेकिन अयोध्या की पहचान जगद्गुरु रामानंदाचार्य जी से है। साथ ही संतो ने कहा कि अयोध्या में कोई भी चौक का निर्माण हो तो पूर्वचार्यों के नाम पर होना चाहिए।

राम वल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमार दास ने कहा कि, ‘लता मंगेशकर भारत रत्न है और उनके नाम पर चौराहे का निर्माण होना ही चाहिए परंतु अयोध्या जनपद के और किसी चौराहे पर उनके नाम पर चौराहा बनाया जाए लेकिन नया घाट पर जगद्गुरु रामानंदाचार्य के नाम पर ही चौराहे का निर्माण हो।’

 

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