किसी भी युद्ध ​में ‘गेम चेंजर’ साबित होंगी भारतीय सेनाएं

नई दिल्ली।​ ​भारत की तीनों सेनाओं का पुनर्गठन ​किया जाना वाकई महत्वपूर्ण निर्णय है, ​​जिससे ​​भारतीय सशस्त्र बल भविष्य ​में किसी भी युद्ध ​में गेम-चेंजर होंगे​। ​​चीन सीमा पर स्थिति पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि जब ​तक बॉर्डर पर हमारे ​सैनिक ​अडिग हैं, ​तब तक संकट के ​​शांतिपूर्ण समाधान के लिए जारी वार्ता जारी रहेगी​​।​​ सेना के आतंकवाद-रोधी अभियानों पर​ उन्होंने कहा कि ​कश्मीर ​घाटी ​में ​अर्धसैनिक बलों, पुलिस और सेना के संयुक्त अभियानों ​का नतीजा है ​कि जम्मू-कश्मीर समग्र विकास के लिए एक स्थिर और शांतिपूर्ण वातावरण के लिए आगे बढ़ रहा है​​। ​​ ​

दिल्ली में चल रही आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस​ में भारतीय सेना का शीर्ष नेतृत्व मौजूदा सुरक्षा परिदृश्यों, सीमाओं के साथ स्थिति​, ​सुरक्षा तंत्र के लिए ​मौजूदा ​चुनौति​यों पर विचार-विमर्श कर रहा है​​। सम्मेलन के तीसरे दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ​ने भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व को संबोधित किया​​।​ रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना की परिचालन क्षमता बढ़ाने के लिए परिवर्तनकारी निर्णायक सुधार किए गए हैं। रक्षा साइबर और अंतरिक्ष एजेंसियों की स्थापना से भी सशस्त्र बलों की युद्ध क्षमता बढ़ेगी। इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स, इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड्स और इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस कमांड्स गठित किये जाने की अवधारणा से ​​भारतीय सशस्त्र बल भविष्य ​में किसी भी युद्ध ​में गेम-चेंजर होंगे​​​। ​​सरकार सेनाओं की युद्धक क्षमता बढ़ाने, क्षमता विकास और सेना की अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने में बजट की कमी नहीं आने देगी। सेना में को महिलाओं को स्थाथाई कमीशन देने से उन्हें पेशेवर विकास के समान अवसर सुनिश्चित होंगे।
उन्होंने चीन से लगी ​​उत्तरी सीमाओं ​पर तैनात उन सैनिकों ​के ​प्रति कृतज्ञता व्यक्त ​की जिन्हें ​शत्रुतापूर्ण ताकतों ​से मुकाबला करने और सीमा की रक्षा के लिए​ भीषण सर्दी के मौसम ​की भी परवाह नहीं है​।​ रक्षा मंत्री ने कहा कि इन ​​सैनिकों को सर्वोत्तम हथियार, उपकरण और कपड़ों की उपलब्धता सुनिश्चित करना हमारी ​​राष्ट्रीय जिम्मेदारी है।​ उन्होंने दूर दराज के क्षेत्रों को जोड़ने के लिए कठिन परिस्थितियों में काम कर रहे बीआरओ के प्रयासों की सराहना की।​​ ​पाकिस्तान से लगी पश्चिमी सीमाओं ​का उल्लेख करते हुए उन्होंने सीमा पार आतंकवाद और संघर्ष विराम उल्लंघन के लिए भारतीय सेना की प्रतिक्रिया को सराहा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से निपटने में अर्धसैनिक बलों, पुलिस और सेना के संयुक्त अभियानों का नतीजा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर समग्र विकास और स्थिर व शांतिपूर्ण वातावरण के लिए आगे बढ़ रहा है। ​​ ​​

रक्षा मंत्री ने ​कहा कि भारतीय सेना पर देश के एक-एक ​नागरिकों ​का भरोसा है क्योंकि सेना ​ने हमारी सीमाओं की रक्षा करने​, आतंकवाद से लड़ने के अलावा नागरिक प्रशासन को ​भी जरूरत पड़ने पर ​सहायता ​देने में अपनी भूमिका निभाई​ है। भारतीय सेना के कार्य वास्तव में हमारे महान राष्ट्र की अखंडता और संप्रभुता ​​सुनिश्चित करते ​हैं​। ​​उन्होंने कहा कि सीमा क्षेत्रों का दौरा करते समय वह सेना की परिचालन तैयारियों और क्षमताओं ​को देख चुके है जो वाकई सराहना ​के लायक है। उन्होंने मातृभूमि की रक्षा में बलिदान देने वाले गलवान, कश्मीर और उत्तर पूर्व के बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने विदेशी सेनाओं के साथ ​सहयोगी ​संबंध बनाकर राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने के लिए रक्षा कूटनीति में सेना ​के महत्वपूर्ण योगदान ​को भी सराहा।​

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