भारत ने तोड़ा ये रिकॉर्ड, चीन सीमा से कुछ दूरी पर बनाई 52 किलोमीटर लंबी सड़क

नई दिल्ली. सीमा सड़क संगठन (BRO) ने पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) में उमलिंगला दर्रे (Umlingala Pass) पर 19,300 फुट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे ऊंची मोटर वाहन योग्य सड़क का निर्माण किया है. रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी. मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि बीआरओ ने उमलिंगला दर्रे पर 52 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया है. इस सड़क ने बोलिविया में 8,953 फुट की ऊंचाई पर बनी सड़क का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.

बयान में कहा गया है कि उमलिंगला दर्रे की यह सड़क पूर्वी लद्दाख के चुमार सेक्टर (Chumar Sector) के महत्वपूर्ण कस्बों को जोड़ती है. यह स्थानीय आबादी के लिए एक वरदान साबित होगी क्योंकि यह लेह से चिसुमले और डेमचोक को जोड़ने वाला एक सीधा वैकल्पिक मार्ग है. इससे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. यह जगह भारत-चीन सीमा से कुछ ही दूरी पर स्थित है.

एक प्रेस विज्ञप्ति में रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ऐसे ऊंचे स्थानों पर बुनियादी ढांचे का निर्माण अपने आप में चुनौतीपूर्ण और बेहद कठिन होता है. सर्दियों के मौसम में यहाँ तापमान शून्य से – 40 डिग्री नीचे चला जाता है और इस ऊंचाई पर मैदानी क्षेत्रों के मुक़ाबले ऑक्सीजन का स्तर 50% रह जाता है. बीआरओ यह उपलब्धि अपने कर्मियों के साहस और विपरीत मौसमी स्थितियों में ऊंचे स्थानों पर कार्य करने की क्षमता और कुशलता के चलते प्राप्त कर सका है.रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस सड़क का निर्माण माउंट एवरेस्ट के आधार शिविरों से भी ऊंचे स्थान पर किया गया है. माउंट एवरेस्ट का नेपाल स्थित साउथ बेस कैंप 17,598 फीट पर है, जबकि तिब्बत स्थित नॉर्थ बेस कैंप 16,900 फीट की ऊंचाई पर है. इसके अलावा जिस ऊंचाई पर इस सड़क का निर्माण किया गया है वह सियाचीन ग्लेशियर से काफी ऊंचा है. सियाचीन ग्लेशियर की ऊंचाई 17,700 फीट है. लेह में खर्दुंग ला पास भी इस सड़क के निर्माण स्थल से कम 17,582 फीट की ऊंचाई पर है.

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