हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेजों को जारी किया नोटिस

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मचारियों को स्टूडेंट्स सोसायटी फंड से वेतन देने के दिल्ली सरकार के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए इन 12 कॉलेजों को नोटिस जारी किया है। जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने 09 नवम्बर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पिछले 02 नवम्बर को कहा था कि दिल्ली सरकार और दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेजों के बीच आरोप-प्रत्यारोप के खेल के चलते शिक्षकों और कर्मचारियों को परेशान होने नहीं दिया जा सकता है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया था कि वे संबंधित कॉलेजों को भी पक्षकार बनाएं। कोर्ट ने कहा था कि संबंधित कॉलेजों का पक्ष सुनने के बाद ही कोई आदेश पारित किया जाएगा। कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली युनिवर्सिटी सभी कॉलेजों की अभिभावक है। दिल्ली यूनिवर्सिटी की जिम्मेदारी है कि वो स्थिति को नियंत्रण में रखें और समस्या को सुलझाएं। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा था कि हाई कोर्ट की एक दूसरी बेंच ने पिछले 23 अक्टूबर को दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मचारियों को स्टूडेंट्स सोसायटी फंड से वेतन देने के दिल्ली सरकार के आदेश पर रोक लगा दी थी। उन्होंने कहा था कि इस मामले में कॉलेजों को भी पक्षकार बनाया जाना चाहिए।

यह याचिका दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि स्टूडेंट्स सोसायटी फंड का इस्तेमाल शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन देने के लिए नहीं किया जा सकता है। पिछले 16 अक्टूबर को दिल्ली सरकार ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेजों को निर्देश दिया था कि वे शिक्षकों और स्टाफ को स्टूडेंट्स सोसायटी फंड से वेतन दें। दिल्ली सरकार इन 12 कॉलेजों का सौ फीसदी वित्तपोषण करती है।

दिल्ली सरकार की ओर से सौ फीसदी वित्तपोषित कॉलेजों में इंदिरा गांदी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस, शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज, शहीद राजगुरु कॉलेज, दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज, आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज, भगिनी निवेदिता कॉलेज, केशव महाविद्यालय, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, अदिति महाविद्यालय, महर्षि वाल्मिकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन और भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ अप्लायड साइंस शामिल हैं।

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