लालू पहले ‘वन मैन’ शो थे, अब क्या सिर्फ चेहरा?:2015 में 30 मिनट तक देते थे भाषण, अब 13 मिनट में समेटी बात

तारापुर में 6 साल बाद चुनावी सभा को संबोधित करते RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव व तेजस्वी यादव।

2015 और 2021 में काफी कुछ बदल गया है। 2015 में जिन लोगों ने लालू यादव को देखा होगा, वह लालू 2021 में नहीं दिख रहा है। लालू का अंदाज बिल्कुल बदल चुका है। जिस अंदाज के लिए पहले जाने जाते थे, वह अंदाज तारापुर की सभा में मिसिंग था। उनके भाषण में बीच-बीच में जोर जोर से बोलना, लोगों में जोश भरना या फिर पीछे खड़े लोगों को डांटना, सब कुछ आज मिसिंग था। 2015 में चुनावी सभा में औसतन 30 मिनट बोलने वाले लालू ने तारापुर में सिर्फ 13 मिनट में ही भाषण को समेट दिया।

लालू 2015 तक देश में चुनिंदा नेताओं में थे। उनके मंच पर आते लोग थम जाते थे, रुक जाते थे। समर्थक तो समर्थक विरोधी भी उनके भाषण को सुनने के लिए बेताब रहते थे, लेकिन आज अपने हल्के-फुल्के अंदाज में बेटे तेजस्वी यादव की लोगों से पैरवी करते नजर आए। लालू यादव का हवा के रुख को बदल देने वाला भाषण आज नजर नहीं आया। RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव 6 साल बाद चुनावी रण में उतरे थे। कभी ‘वन मैन’ रहने वाले लालू बीमार दिख भी रहे थे।

तारापुर में चुनावी सभ भाषण देते RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव।

13 मिनट ही भाषण दे पाए RJD सुप्रीमो
30 अक्टूबर को तारापुर में उपचुनाव होने वाले हैं। इसीलिए लालू RJD प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे। इस दौरान पहली बार उनकी आवाज भीड़ की शोर के आगे कम लग रही थी। इस बार भाषण के दौरान उन्होंने कई बार तेजस्वी यादव की सराहना की। RJD सुप्रीमो सहायक की भूमिका में अधिक दिख रहे थे। 2015 में बेटे को लांच करने वाले लालू ने ये कहा कि सारा काम तेजस्वी कर चुके हैं, वह बस विसर्जन करने आए हैं।

13 मिनट के उनके भाषण में उन्होंने CM नीतीश कुमार पर हमला भी किया। शायराना अंदाज में चुटकी भी ली, लेकिन लालू इससे पहले की समां बांधते उनका भाषण समाप्त हो गया। RJD का मुख्‍य चेहरा छोटे बेटे तेजस्‍वी यादव बनते जा रहे हैं। ये बात बुधवार को भी दिखी। हालांकि, 2015 में भी एक साल पहले ही लालू बीमार थे। हार्ट का ऑपरेशन करा कर लौटे थे, लेकिन इस बार काफी कुछ बदला दिखा।

2015 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद शपथ ग्रहण से पहले तेजस्वी व तेजप्रताप के साथ लालू यादव।

RSS प्रमुख के एक बयान को बना दिया था पूरे चुनाव का मुद्दा
आखिरी बार 2015 के विधानसभा चुनाव में RJD सुप्रीमो ने चुनावी सभाओं को संबोधित किया था। तब RJD और JDU एक साथ चुनाव लड़ रही थी। उन्होंने कुल मिलाकर 250 से ज्यादा चुनावी सभाएं की थीं। जिनमें वह अक्सर अकेले या फिर CM नीतीश कुमार के साथ ही रैली करते थे। उस दौरान लालू के दोनों बेटे तेज प्रताप और तेजस्वी भी लालू के साथ सभा में जाते थे, पर बुधवार को देखकर लगा कि पिता के पीछे चलने वाले तेजस्वी का कद अब बढ़ चुका है। लालू ने अपनी विरासत बहुत हद तक तेजस्वी को सौंप दी है।

2015 के ही चुनाव में लालू यादव ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण के बयान से पूरे चुनाव को एकतरफा कर दिया था। भागवत के बयान का जिक्र करते हुए लालू ने कहा कि ‘ये बैकवर्ड वर्सेज फॉरवर्ड की लड़ाई है।’ इसी के साथ आरक्षण पर मोहन भागवत के बयान को लालू ने भुनाते हुए पूरे चुनाव को अगड़े और पिछड़ों की लड़ाई बना दिया था।

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