UP चुनाव से पहले मोदी ने सुनाई कहानी ,यूपी में अब्बाजान से लेकर पिताजी तक का सफर

प्रधानमंत्री बोले- हमारे गांव में मुस्लिम महाशय अलीगढ़ का ताला बेचने आते थे, मेरे पिताजी से उनकी बहुत अच्छी बनती थी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अलीगढ़ पहुंचे। प्रधानमंत्री ने यहां डिफेंस कॉरिडोर नोड और राजा महेंद्र प्रताप सिंह स्टेट यूनिवर्सिटी की नींव रखी। दौरा यूनिवर्सिटी और डिफेंस से जुड़ा था, लेकिन विधानसभा चुनावों की आहट भी तो थी ही। अपने सिग्नेचर स्टाइल में मोदी ने भी एक किस्सा सुनाया। मोदी ने अलीगढ़ के तालों और मुस्लिमों का लिंक अपने गांव से जोड़ा। उन्होंने कहा- हमारे गांव में एक मुस्लिम महाशय ताला बेचने आते थे और उनकी मेरे पिताजी से बहुत अच्छी बनती थी।

बचपन की कहानी: अपनी स्पीच के दौरान मोदी ने कहा, “आज बचपन की बात करने का मन कर रहा है। लोग अपने घर की या दुकान की सुरक्षा के लिए अलीगढ़ के भरोसे रहते थे, क्योंकि अलीगढ़ का ताला लगा होता था तो लोग निश्चिंत हो जाते थे। करीब 55-60 साल पुरानी बात है। अलीगढ़ से ताले के एक सेल्समैन थे। एक मुस्लिम मेहरबान थे। वह हर तीन महीने में हमारे गांव आते थे। वह काली जैकेट पहनते थे।”

“मुस्लिम महाशय सेल्समैन होने के नाते अपना ताला व्यापारियों के पास रखकर जाते थे और तीन महीने बाद फिर आते तो पैसा ले आते थे। अगल-बगल गांवों में भी यही करते थे। मेरे पिताजी से उनकी अच्छी दोस्ती थी। दिनभर जो पैसे वसूल करके लाते थे तो मेरे पिता जी के पास छोड़ देते थे। जब 4-6 दिन के बाद मेरा गांव छोड़कर जाते थे तो फिर पिताजी से पैसे लेकर ट्रेन से निकल जाते थे।”

“हम सीतापुर और अलीगढ़ से बहुत परिचित थे। आंख की बीमारी के ट्रीटमेंट के लिए हमारे गांव का हर आदमी सीतापुर जाता था। दूसरा इन महाशय के कारण अलीगढ़ बार-बार सुनते थे। कल तक जो अलीगढ़ तालों के जरिए घरों, दुकानों की रक्षा करता था, 21वीं सदी में मेरा अलीगढ़ हिंदुस्तान की सीमाओं की रक्षा का काम करेगा। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना के तहत यूपी सरकार ने अलीगढ़ के तालों और हार्डवेयर को नई पहचान दिलाने का काम किया है।”

कच्छ का अलीगढ़ कनेक्शन: मोदी ने राजा महेंद्र प्रताप सिंह के साथ गुजरात के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्यामजी कृष्ण वर्मा का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “प्रथम विश्व युद्ध के समय राजा महेंद्र प्रताप विशेष तौर पर श्यामजी कृष्ण वर्मा जी और लाला हरदयालजी से मिलने के लिए यूरोप गए थे। उसी बैठक में जो दिशा तय हुई, उसका परिणाम हमें अफगानिस्तान में पहली निर्वासित सरकार के तौर पर देखने को मिला।”

“जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब श्यामजी कृष्ण वर्मा की अस्थियों को 73 साल बाद भारत लाने में सफलता मिली थी। कच्छ के मांडवी में उनका एक स्मारक है, जहां उनके अस्थि कलश रखे गए हैं। आज देश के प्रधानमंत्री के नाते मुझे एक बार फिर से ये सौभाग्य मिला है कि मैं राजा महेंद्र प्रतापजी जैसे दूरदर्शी और महान स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर बन रही यूनिवर्सिटी का शिलान्यास कर रहा हूं।”

डबल इंजन वाली सरकार का फायदा: मोदी ने केंद्र और राज्य सरकार के समन्वय को लेकर भी बात कही। वह बोले, “मुख्यमंत्री योगी की अगुआई में उत्तर प्रदेश का काफी विकास हुआ है। यहां देश और दुनिया के हर छोटे-बड़े निवेशक आ रहे हैं। ये तब होता है जब निवेश के लिए जरूरी माहौल बनता है, जरूरी सुविधाएं मिलती हैं। केंद्र और प्रदेश की योगी सरकार मिलकर लोगों को यही सुविधाएं देने का काम कर रही है। आज उत्तर प्रदेश डबल इंजन सरकार के डबल लाभ का एक बहुत बड़ा उदाहरण बन रहा है।”

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