फिरोजाबाद पुलिस को 90 साल के बुजुर्ग से शांति भंग का खतरा, किया पाबंद

फ़िरोज़ाबाद पुलिस और अधिकारियों को 90 वर्षीय शूफी अंसार हुसैन और 93 वर्षीय फसाहत मीर खां से है शांति भंग होने का खतरा… 107/116 धारा में किया इन्हें पाबंद, 6 वर्ष पहले मरे व्यक्ति से भी है शांति भंग  का खतरा..अब प्रशासन जांच कराने की कह रहा है |

फ़िरोज़ाबाद में 20 दिसंबर को हुए बवाल के बाद अब सिटी मजिस्ट्रेट ने करीब 200 लोगों को धारा 107/116 पाबंद भी किया है | यानी कि जिनको ये नोटिस दिया गया है उनसे शांति भंग का खतरा है | इनको 10 लाख रुपये की जमानत करवानी है, लेकिन प्रशासन ने ऐसे लोगो को भी नोटिस दिये है जो या तो इस दुनिया मे ही नही या 90 साल से अधिक उम्र के बीमार बुजुर्ग है। ऐसे ही फ़िरोज़ाबाद के कटरा पठानान के रहने वाले फिरोजाबाद के जामा मस्जिद के सचिव और समाजसेवी सूफी अंसार हुसैन जो कि 58 वर्ष से जामा मस्जिद की सेवा कर रहे हैं, इनकी उम्र 90 वर्ष की है पुलिस को अब 90 वर्ष के इस व्यक्ति से भी शांति भंग होने का खतरा है| इसलिए उन्हें पाबंद कर दिया गया है, जबकि अंसार हुसैन तो बीमार रहते है।

वही एक और व्यक्ति है जिनको शांति भंग की आशंका का नोटिस मिला है | वह कोटला मोहल्ला निवासी समाजसेवी एवं मौलाना आजाद निस्वा गर्ल्स इंटर कॉलेज के संस्थापक फसाहत मीर खां 93 वर्ष के है,  जो कि बीमार है और अभी बिस्तर पर ही लेटे रहते हैं, सिटी मजिस्ट्रेट ने इन्हें भी धारा 107/116 में पाबंद कर दिया है । फसाहत मीर खां और सूफी अंसार बरसों से यह दोनों शख्स हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक भी माने जाते हैं, लेकिन किए गए पाबंद 200 लोगों में 90 और 93 साल के बुजुर्गों का भी नाम है | अब देखना यह है कि आला अधिकारियों का इन बुजुर्गों के प्रति कैसा व्यवहार रहता है।

फिरोजाबाद में तो प्रशासन ने एक ऐसे शख्स को भी धारा 107/ 116 में पाबंद किया है जिनकी मृत्यु 6 वर्ष पूर्व हो चुकी है थाना दक्षिण इलाके के बाजे वाली गली निवासी बनने खां के खिलाफ भी शांति भंग का नोटिस जारी हो चुका है। केवल फोटो में कैद बन्ने खां अगर जीवित भी होते तो उनकी आयु 100 वर्ष हो चुकी होती यानी कि बन्ने खां को भी अब ₹10 लाख का मुचलका भरकर जमानत कराने के आदेश दिया गया हैं। यह नोटिस देने से यह प्रतीत होता है कि पुलिस की कार्यवाही में काफी ढीलढाल रही है |

मो.सरफराज म्रतक बन्ने खां के पुत्र ने बताया की उनका इंतकाल 6 साल पहले हो गया था,पुलिस ने उनके खिलाफ जो भी नोटिस भेजा है और उसे अखबार में दे दिया है, मेरे वालिद का नाम बन्ने खां हैं | पुलिस को इसकी इंक्वायरी करनी चाहिए कि कौन है या नही है इस दुनिया मे, कौन नहीं उसके बाद पाबंद करना चाहिए,और हमारे पास मृत्यु प्रमाण पत्र भी है बन्ने खां का लेकिन फिर भी पुलिस ने पाबंद कर दिया है |

बताते चलें 20 दिसंबर 2019 को फिरोजाबाद में जुमे की नमाज के बाद उपद्रवियों द्वारा आगजनी और पथराव किया गया था,जिस में सरकारी विभाग के साथ साथ कई प्राइवेट वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया था,यहां तक कि नालबन पुलिस चौकी में भी आग लगा दी गई थी, इस दंगे में 6 कई मौत हुई थी। इस पूरी घटना के बाद अब पुलिस कार्यवाही में आई है पुलिस ने इसमे 35  मुकदमें दर्ज किये है जिनमे 29 नामजद और 2500 लोग अज्ञात में है, 14 को जेल भेजा गया है |

Related Articles

Back to top button