Covid-19: बड़ी लापरवाही बरतने वाले दिल्ली के महाराजा अग्रसेन अस्पताल पर दर्ज हुई FIR

  • कोरोनावायरस संक्रमित व्यक्ति का शव सौंपा परिजनों को
  • सरकारी गाइडलाइंस का किया उल्लंघन
  • डॉक्टर सहित अस्पताल में कुल 8 संक्रमित

दिल्ली के पंजाबी बाग स्थित महाराजा अग्रसेन अस्पताल पर प्राथमिकता दर्ज करवाई गई है। इस अस्पताल पर कोरोनावायरस संबंधित मामले में लापरवाही बरतने और भारत सरकार की गाइडलाइंस को फॉलो ना करने पर एफ आई आर दर्ज की गई है। महाराजा अग्रसेन पर दो अलग-अलग मामलों में एफ आई आर दर्ज की गई है।

दरअसल महाराजा अग्रसेन अस्पताल में रोहतक की 72 साल की एक महिला को अस्पताल में भर्ती किया गया था। यह महिला 10 मार्च को अस्पताल में एडमिट की गई थी। इसके बाद महिला को गंगाराम अस्पताल में भर्ती रेफर कर दिया गया था। जहां महिला को कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया। जिसके बाद मरीज दुबारा महाराजा अग्रसेन अस्पताल में भर्ती हुआ। जिसे महाराजा अग्रसेन ने अपने एक वार्ड में रखा। वहीं खबर है कि इसी बीच सोनीपत से भी एक व्यक्ति अस्पताल में भर्ती होने आया तो उसे भी इसी वार्ड में भर्ती कर दिया गया। जिसके बाद उस शख्स की मौत हो गई। जांच में पता चला कि उस शख्स को कोरोनावायरस हो गया था।घटना के बाद सीडीएमओ के कहने पर हॉस्पिटल ने उस महिला के 5 मीटर के दायरे में आए हुए सभी मरीजों और 82 मेडिकल स्टाफ का टेस्ट करवाया।जिसमें से अस्पताल के मेडिकल स्टाफ के डॉक्टरों सहित 6 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए।

वही एक मामला जो महाराजा अग्रसेन पर दर्ज किया गया है उसमें सोनीपत के एक शख्स को अस्पताल ने उसी वार्ड में एडमिट किया जहां कोरोना पॉजिटिव था और जिसकी 4 अप्रैल को मौत हो गई। अस्पताल ने बिना प्रशासन को सूचना दिए और भारत सरकार की गाइडलाइंस का उल्लंघन कर कोरोना पॉजिटिव मृतक का पार्थिव शरीर उसके परिवार को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया।

वहीं मृतक के परिवार ने भी किसी को भी इस बात की जानकारी नहीं दी कि मृतक कोरोना पॉजिटिव था। इसके बाद बहुत से लोगों ने अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया। जिसके बाद मृतक का बेटा भी कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया।

पश्चिमी जिले की डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने इस मामले की जांच की। पुलिस ने महाराजा अग्रसेन अस्पताल के सीनियर एडमिनिस्ट्रेशन मैनेजमेंट के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अस्पताल पर आरोप है कि उसने स्थानीय प्रशासन को सूचना देने में लापरवाही बरती। कोरोना मरीज़ के पार्थिव शरीर को देने में भारत सरकार की गाइडलाइन्स का उल्लंघन किया।

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